‘आजादी के बाद पहली बार हुआ ऐसा’, सीजेआई संजीव खन्ना ने ऐसा क्या किया, जो जगदीप धनखड़ ने की तारीफ?

 राज्यसभा के अध्यक्ष ने कहा, ‘यह सही दिशा में उठाया गया कदम है. भारत के मुख्य न्यायाधीश की ओर से समिति का गठन और उनकी सतर्कता भी एक ऐसा कारक है जिस पर विचार करने की जरूरत है.’

 राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर में मिले जले हुए नोटों के मामले में बयान दिया है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कर्ट ने सही दिशा में कदम उठाया है, आजादी के बाद पहली ऐसा हुआ है कि चीफ जस्टिस ने सभी सामग्री को सार्वजनीकि डोमेन में रखी है. सभापति ने ये बयान सदन के नेता जेपी नड्डा और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात के बाद दिया.

उन्होंने कहा कि इस तरह की अस्वस्थता को खत्म करने की जरूरत है ताकि ऐसी स्थिति दोबारा न आए. राज्यसभा अध्यक्ष ने न्यायपालिका की आंतरिक प्रतिक्रिया को ‘सही दिशा में उठाया गया कदम’ बताया. जगदीप धनखड़ ने कहा, ‘मैं सदन के नेता नड्डा और विपक्ष के नेता खरगे का आभारी हूं. हमने न्यायपालिका के मन में उठ रहे मुद्दे पर सार्थक विचार-विमर्श किया. आजादी के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी मुख्य न्यायाधीश ने पारदर्शी और जवाबदेह तरीके से अपने पास उपलब्ध सभी सामग्री सार्वजनिक डोमेन में रखी है और न्यायालय के साथ कुछ भी छिपाए बिना इसे साझा किया है.’

‘एक सही दिशा में उठाया गया कदम’

राज्यसभा के अध्यक्ष ने आगे कहा, ‘यह सही दिशा में उठाया गया कदम है. भारत के मुख्य न्यायाधीश की ओर से समिति का गठन और उनकी सतर्कता भी एक ऐसा कारक है जिस पर विचार करने की जरूरत है. न्यायपालिका और विधायिका जैसी संस्थाएं अपने उद्देश्य को सबसे अच्छे तरीके से पूरा करती हैं जब उनका आंतरिक तंत्र प्रभावी, तेज और जनता के विश्वास को बनाए रखने वाला होता है.’

‘प्रभावशाली और पारदर्शी तरीके से शुरू की कार्रवाई’

उन्होंने कहा, ‘चूंकि यह पहली बार है कि न्यायपालिका के प्रमुख मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने बहुत ही प्रभावशाली, पारदर्शी तरीके से कार्रवाई शुरू की है, इसलिए समिति के परिणाम की प्रतीक्षा करना उचित होगा क्योंकि इससे हमें अपने विचार के लिए संपूर्ण सामग्री प्राप्त करने में मदद मिलेगी. खरगे की ओर से एक बहुत ही विचारशील सुझाव आया कि संसदीय परंपरा के अनुरूप, इस मुद्दे पर सदन के नेताओं के साथ विचार-विमर्श किया जाना चाहिए और सुझाव को उचित पाते हुए साथ ही हम तीनों की पूर्ण स्वीकृति के बाद एक बैठक निर्धारित की जाएगी, जिसमें मैं राज्य परिषद में सदन के नेताओं को इस पर निर्णय लेने के लिए आमंत्रित करूंगा.’

‘सीजेआई संजीव खन्ना ने उठाए अभूतपूर्व कदम’

जगदीप धनखड़ ने कहा, ’मैंने दृढ़ता से संकेत दिया है कि अगर हम पिछले प्रदर्शन को देखें तो भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की ओर से अब तक उठाए गए ये कदम अभूतपूर्व हैं और ऐसी चुनौतीपूर्ण स्थिति में क्या जरूरत हो सकती है, जो न्यायपालिका के सदस्यों, बार के सदस्यों, सांसदों और आम जनता के मन को आंदोलित कर रही है, इसकी जांच के माध्यम से सार्वजनिक डोमेन में जानकारी उपलब्ध कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी.’

उन्होंने ये भी कहा, ‘मैं इस संबंध में खरगे और नड्डा के सुझाए गए सुझावों के मुताबिक एक बैठक निर्धारित करूंगा और सूचना भेजूंगा. मैं उनकी गहरी समझ के लिए आभारी हूं क्योंकि दोनों ने ही समृद्ध अनुभव के साथ, अपने-अपने राजनीतिक दलों के अध्यक्ष होने और संवैधानिक पदों पर रहने के कारण यह माना है कि देश में संस्थाओं को केवल ईमानदारी और सार्वजनिक प्रतिबद्धता के साथ ही विकसित किया जाना चाहिए और इस तरह की कुप्रथा को खत्म करने की जरूरत है ताकि इसकी पुनरावृत्ति न हो. मैं उन दोनों का आभारी हूं कि उन्होंने राष्ट्र को हर चीज से आगे रखने की भावना से इस मुद्दे पर समय दिया.’

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