
यूपी में अब तक 4 लाख से ज्यादा फिंगरप्रिंट इस सिस्टम में दर्ज किए जा चुके हैं. इससे पुलिस को पुराने मामलों के अपराधी पकड़ने में बहुत मदद मिल रही है.
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अपराधियों को सजा दिलाने के लिए एक मजबूत हथियार तैयार किया है. विधि विज्ञान प्रयोगशालाएं. अब हत्या, बलात्कार, चोरी, साइबर क्राइम जैसे संगीन मामलों में पुलिस और अदालत के पास ऐसे वैज्ञानिक सबूत होते हैं, जिनसे अपराधी छूट नहीं सकते. यही वजह है कि बीते 8 सालों में 75 हजार से ज्यादा अपराधियों को साक्ष्य के आधार पर सजा दिलाई गई है.
वर्ष 2017 से पहले प्रदेश में सिर्फ चार विधि विज्ञान प्रयोगशालाएं थीं. लखनऊ, वाराणसी, आगरा और गाजियाबाद में. लेकिन आज योगी सरकार की कोशिशों से उनकी संख्या 12 हो गई है. झांसी, प्रयागराज, गोरखपुर, कन्नौज, बरेली, गोंडा, अलीगढ़ और मुरादाबाद जैसे शहरों में ये नई लैबें खुल चुकी हैं. इसके अलावा अयोध्या, बांदा, आजमगढ़, बरेली, मीरजापुर और सहारनपुर में भी छह नई लैबें बनाने का काम तेजी से चल रहा है.
NAFIS में भी यूपी नंबर वन
प्रदेश ने NAFIS (नेशनल ऑटोमेटेड फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम) में भी देश में पहला स्थान पाया है. यह सिस्टम अपराधियों की उंगलियों के निशान का एक डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करता है. यूपी में अब तक 4 लाख से ज्यादा फिंगरप्रिंट इस सिस्टम में दर्ज किए जा चुके हैं. इससे पुलिस को पुराने मामलों के अपराधी पकड़ने में बहुत मदद मिल रही है.
यह सिस्टम इतना तेज है कि किसी भी जिले से अपराधी का फिंगरप्रिंट तुरंत सर्वर से मिलाया जा सकता है. इसके लिए हर जिले के पुलिस अफसर और टेक्निकल स्टाफ को खास ट्रेनिंग भी दी गई है. इससे अपराधों की पहचान में तेजी आई है और सबूत भी अदालत में मजबूत साबित हो रहे हैं.
साइंस से मिला न्याय का साथ
नए कानूनों जैसे BNS (भारतीय न्याय संहिता), BNSS और BSA-2023 के तहत भी अब वैज्ञानिक सबूतों की अहमियत और बढ़ गई है. योगी सरकार की लैबों में अब डीएनए, ब्लड सैंपल, केमिकल टेस्टिंग, मोबाइल डेटा एनालिसिस जैसे अत्याधुनिक परीक्षण हो रहे हैं. इससे केस की जांच और मुकदमेबाजी में बहुत पारदर्शिता आई है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का साफ मानना है कि जब तक वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं होंगे, तब तक अपराधी सजा से बच सकते हैं. इसी सोच के तहत उन्होंने प्रयोगशालाओं को तकनीकी रूप से मजबूत किया और विशेषज्ञ वैज्ञानिकों की भर्ती भी करवाई. अब प्रदेश की अदालतों में ऐसे मजबूत सबूत पेश किए जाते हैं, जिन पर जज तुरंत सख्त फैसला सुना रहे हैं.
जनता को मिला भरोसा, अपराधियों को मिली सजा
उत्तर प्रदेश में अपराधियों के लिए अब कानून से बचना आसान नहीं है. जिन माफियाओं और बड़े अपराधियों के खिलाफ कभी गवाह नहीं मिलते थे, आज वे वैज्ञानिक सबूतों के आधार पर जेल में बंद हैं. जनता को भी अब भरोसा है कि सरकार अपराध के खिलाफ सख्त है और कानून सबके लिए बराबर है.
योगी सरकार की इस कोशिश ने न सिर्फ कानून व्यवस्था को मजबूत किया है, बल्कि अपराधियों के मन में कानून का डर भी बैठाया है. अब हर अपराध का सबूत सुरक्षित है, और हर दोषी को सजा तय. यही है विज्ञान के साथ न्याय की नई ताकत.