अपनी उम्र के बराबर ही भाजपा ने चुना कार्यकारी अध्यक्ष

विश्व की सबसे बड़ी पार्टी कहे जाने वाली भाजपा ने अपने फैसले से एक बार फिर सबको चौंका दिया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा का टर्म पूरा होने के बाद इस पद के लिए जिम्मेदार चेहरे की खोज हो रही है। लिस्ट में कई धुरंधर थे। लेकिन, सभी महारथियों को दरकिनार करते हुए पार्टी ने 45 साल के युवा, पांच बार के विधायक और नीतीश सरकार में मंत्री नितिन नवीन को कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया। आलाकमान का फैसला सुनकर भाजपा के दिग्गज चौंक गए। पार्टी सूत्र बता रहे हैं नितिन नवीन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बन सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो वह सबसे युवा और पहले बिहारी होंगे, जिन्हें यह जिम्मेवारी भाजपा देगी।

रेस में यह धुरंधर भी शामिल
नितिन नवीन के नाम पर मुहर लगने से पहले बिहार चुनाव में शानदार जीत में अहम भूमिका निभाने वाले प्रभारी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का नाम चल रहा था। इनके अलावा छह बार लोकसभा चुनाव जीत चुके, चार बार मध्य प्रदेश से मुख्यमंत्री रह चुके शिवराज सिंह चौहान का नाम भी चल रहा था। इनके अलावा झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास और उत्तर प्रदेश में भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले सुनील बंसल का नाम भी था। लेकिन, अंतत: मुहर नितिन नवीन के नाम पर भी लगी तो जानकारों ने उन्हें भाजपा का डॉर्क हॉर्स तक कह दिया। हालांकि, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का चुनाव अभी होना है। पार्टी के इन धुरंधरों के नाम पर अटकलें अब भी लगाई जा रही है। इसलिए इन्हें रेस से बाहर तो नहीं कहा जा सकता है। लेकिन, राजनीतिक पंडित मान रहे हैं नितिन नवीन को ही राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाएगा।

45 साल की भाजपा और 45 साल के ही नितिन
खास बात यह है कि भारतीय जनता पार्टी की स्थापना छह अप्रैल 1980 को हुई थी। वहीं नितिन नवीन का जन्म 23 मई 1980 हो हुआ था। नितिन को जब कार्यकारी अध्यक्ष बने तो उनकी उम्र 45 साल है और भाजपा की उम्र भी इतनी ही है। राजनीतिक पंडित कहते हैं एक युवा को पार्टी की कमान सौंप कर भाजपा युवाओं को खास मैसेज देना चाहती हो। क्योंकि पार्टी के अधिकतर बड़े नेता 60 पार हो चुके हैं। भाजपा यह भी संदेश देना चाहती है कि अब नेक्स्ट जेनरेशन की जरूरत पार्टी को काफी ज्यादा है। बंगाल के साथ-साथ पांच राज्यों में चुनाव होने वाला है। यहां युवा मतदाताओं की आबादी भी अधिक है। ऐसे में नितिन बूथ स्तर पर बेहतर प्रबंधन, संगठन का विस्तार और बेहतर तालमेल बैठा सकते हैं। बिहार में भी उनकी छवि साफ-सुथरे और संगठन में बेहतर पकड़ वाले नेता की है।

अब तक के सबसे युवा कार्यकारी अध्यक्ष
भाजपा ने अब तक का सबसे युवा कार्यकारी अध्यक्ष चुना है। अगर वह राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते हैं तो भाजपा के सबसे युवा अध्यक्ष बनने का रिकॉर्ड बनाएंगे। फिलहाल यह रिकॉर्ड अमित शाह के नाम है। वह 49 साल की उम्र में अध्यक्ष बने थे। जबकि नितिन गडकरी 52 साल की उम्र में राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे। वहीं 76 साल के लाल कृष्ण आडवाणी के नाम सबसे अधिक उम्र के भाजपा अध्यक्ष बनने का रिकॉर्ड है। वहीं नेता कृष्णमूर्ति जब 71 वसंत और जेपी नड्डा को 58 साल पार हुए थे तब वह कार्यकारी अध्यक्ष बने थे।

राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचने की संभावना कितनी है?
नितिन नवीन को आगे चलकर कार्यकारी की जगह राष्ट्रीय अध्यक्ष ही घोषित कर दिया जाए- ऐसा संभव है। चाणक्य स्कूल ऑफ पॉलिटिकल राइट्स एंड रिसर्च के अध्यक्ष सुनील कुमार सिन्हा कहते हैं- “जेपी नड्डा भी पहले कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए थे। बिहार में पले-बढ़े व्यक्ति और पहाड़ी का उस समय इस तरह उभरना चौंकाने वाला ही था। लेकिन, मोदी-शाह की भाजपा तो चौंकाने वाले फैसलों के लिए ही जानी जाती है। नितिन नवीन कायस्थ या बिहारी पहचान नहीं, बल्कि सांगठनिक कौशल ही कारण है।

Related Articles

Back to top button