अजमेर रेंज अपराध नियंत्रण में अव्वल, यौन उत्पीड़न मामलों के निपटारे में प्रदेश में दूसरा स्थानv

डीआईजी मेघवाल ने बताया कि जुलाई 2024 में आईटीएसएसओ की रैंकिंग में अजमेर रेंज 12वें स्थान पर थी। लेकिन बेहतर जांच प्रक्रिया और निरंतर प्रयासों के चलते मई 2025 तक यह रेंज दूसरे स्थान पर पहुंच गई।

आईटीएसएसओ की मई 2025 की रिपोर्ट के अनुसार अजमेर रेंज ने महिला संबंधित यौन उत्पीड़न मामलों के निपटारे में राजस्थान में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। साथ ही, बीते एक वर्ष में अपराध दर में 17 प्रतिशत की उल्लेखनीय गिरावट के साथ अजमेर रेंज ने अपराध नियंत्रण के क्षेत्र में पूरे राज्य में पहला स्थान हासिल किया है।

यह जानकारी रेंज के डीआईजी ओमप्रकाश मेघवाल ने मंगलवार को दी। उन्होंने बताया कि मई 2024 में कुल 12,713 प्रकरण दर्ज हुए थे, जो मई 2025 में घटकर 10,515 रह गए। इस प्रकार कुल 2,198 प्रकरणों की कमी दर्ज की गई, जो कि कुल अपराधों में 17 प्रतिशत की गिरावट को दर्शाती है।

महिला अत्याचार से संबंधित मामलों में भी कमी आई है। मई 2024 में ऐसे 2,548 प्रकरण दर्ज हुए थे, जबकि मई 2025 में यह संख्या घटकर 2,387 रह गई। यानी इन मामलों में 6.32 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई। इस श्रेणी में अजमेर रेंज को प्रदेश में चौथा स्थान मिला है। अनुसूचित जनजातियों से जुड़े अपराधों में 34.29 प्रतिशत और संपत्ति संबंधी अपराधों में 38.73 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है, जो राज्य में सर्वाधिक है।

डीआईजी मेघवाल ने बताया कि जुलाई 2024 में आईटीएसएसओ की रैंकिंग में अजमेर रेंज 12वें स्थान पर थी। लेकिन बेहतर जांच प्रक्रिया और निरंतर प्रयासों के चलते मई 2025 तक यह रेंज दूसरे स्थान पर पहुंच गई। वर्ष 2024-25 में पॉक्सो, बलात्कार तथा एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम से जुड़े कुल 164 मामलों में दोषियों को सजा दिलाई जा चुकी है।

रेंज में आंतरिक प्रशासनिक सुधारों के तहत 20 पदोन्नति बोर्डों का गठन किया गया, जिसके माध्यम से 400 से अधिक पुलिसकर्मियों को पदोन्नति दी गई है। इसके अलावा, ई-सुनवाई की व्यवस्था लागू होने से आमजन के बीच पुलिस के प्रति विश्वास भी मजबूत हुआ है। डीआईजी मेघवाल ने कहा कि अपराध नियंत्रण, त्वरित न्याय और पुलिस प्रशासन में सुधार के लिए किए गए प्रयासों से अजमेर रेंज प्रदेशभर में एक आदर्श मॉडल बनकर उभरा है।

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