अजमेर: गरीब नवाज की दरगाह में शिव मंदिर होने का दीवानी वाद पेश

अजमेर स्थित विश्व प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में संकट मोचन महादेव मंदिर होने के संबंध में हिंदू सेवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता के एडवोकेट शशि रंजन कुमार सिंह ने दरगाह कमेटी, दरगाह हज़रत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती, केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय और पुरातत्व विभाग के विरुद्ध दीवानी वाद पेश किया है। जिसे चेक रिपोर्ट के लिए दर्ज किया है।

अजमेर स्थित विश्व प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में संकट मोचन महादेव मंदिर होने के संबंध में हिंदू सेवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता के एडवोकेट शशि रंजन कुमार सिंह ने दरगाह कमेटी, दरगाह हज़रत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती, केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय और पुरातत्व विभाग के विरुद्ध दीवानी वाद पेश किया है। जिसे चेक रिपोर्ट के लिए दर्ज किया है।

आज बुधवार को चेक रिपोर्ट के बाद सुनवाई की प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है। जानकारी के अनुसार सरिता विहार नई दिल्ली निवासी एवं हिंदू सेवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने सिविल जज न्यायालय के नाम दीवानी वाद पेश किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि कई ऐतिहासिक व धार्मिक पुस्तकों के अध्ययन से स्पष्ट हुआ है कि दरगाह परिसर में संकट मोचन महादेव मंदिर स्थित था, जहां बरसों पहले श्रद्धालु पूजा पाठ किया करते थे।

दरगाह कमेटी ने उक्त जगह को अपने अधीन कर उक्त मंदिर के अस्तित्व को नुकसान पहुंचा और समय-समय पर नई इमारतें बनवा दी जो गलत है। उन्होंने बताया कि पुराने समय में अजमेर हिंदुओं का प्रमुख महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल था। दूरदराज से श्रद्धालु यहां जाकर सरोवर में स्नान करने के बाद जगत पिता ब्रह्मा और संकट मोचन महादेव मंदिर के दर्शन किया करते थे।

आज हो सकती है सुनवाई
हिंदू सेवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने बताया कि उनके वकील के जरिए प्रस्तुत दीवानी वाद को चेक रिपोर्ट में रखा गया है। जिसे न्यायालय के संबंधित कर्मचारी उक्त बाद की जांच कर स्पष्ट करेंगे कि वह अदालत में प्रस्तुत किया जा सकता है अथवा नहीं। कर्मचारियों ने उसे अदालत में विचार योग्य माना तो इस मामले में अग्रिम कार्रवाई होगी। अदालत में चेक रिपोर्ट के लिए बुधवार का समय तय किया था, जिसके चलते आज सभी को यह उम्मीद है कि इस बाद पर आज सुनवाई की प्रक्रिया शुरू होगी।

महाराणा प्रताप सेना भी कर चुकी है दावा
उल्लेखनीय है कि महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजवर्धन सिंह परमार अजमेर में स्थित दरगाह में हिंदू शिव मंदिर होने का दावा कर चुके हैं और इसकी एएसआई सर्वेक्षण करने की मांग मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति से पत्र के माध्यम से कर चुके हैं। राजवर्धन सिंह परमार ने पिछले महीने ताजमहल की घटना के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखते हुए अजमेर दरगाह में रुद्राभिषेक करने की अनुमति मांगी थी।

पत्र में राजवर्धन सिंह परमार ने लिखा था कि महाराणा प्रताप सेना ने राजस्थान प्रदेश में दो बार जन जागरण यात्रा कर लोगों की अजमेर दरगाह पर राय जानी है। उनके अनुसार भी अजमेर में स्थित दरगाह, दरगाह भी हमारा पवित्र हिंदू मंदिर है। परमार ने पत्र में लिखा था कि सावन के पवित्र महीने मेंं महाराणा प्रताप सेना अजमेर में स्थित दरगाह जहां हमारा पवित्र शिव मंदिर है, वहां रुद्राभिषेक करना चाहती है। उन्होंने पत्र के माध्यम से आवश्यक अनुमति देने व समय तथा दिनांक बताने का अनुरोध किया था।

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