
अंकिता भंडारी मामले में कोर्ट ने तीन आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. जांच में अभी भी वीआईपी व्यक्ति की पहचान नहीं हो पाई है, जिसका जिक्र केस के आखिर तक होता रहा. अंकिता हत्या कांड में पुलिस ने 40 हजार फोन नंबर और 800 CCTV खंगाले थे. एक्स्ट्रा सर्विस का दबाव क्यों ओर किसके लिए बनाया गया, इसका राज नहीं खुल पाया. दरअसल अंकिता हत्याकांड में कोर्ट ने तीनों आरोपियों को उम्रकैद के लिए सजा का ऐलान कर दिया, लेकिन एक सवाल आज भी लोगों के जहन में है कि इतनी जांच के बाद भी ये नहीं पता लग सका कि वो वीआईपी कौन था, जिसका जिक्र इस केस में आखिर तक होता रहा.
पुलिस ने वनंत्रा रिजॉर्ट के आसपास 40 हजार फोन की लोकेशन और 800 सीसी टीवी कैमरा की जांच की लेकिन किसी वीआईपी का राज नहीं खुल पाया. बता दें कि घटना वाले दिन अंकिता भंडारी ने अपने मित्र पुष्पदीप को रिजॉर्ट में किसी वीआईपी के आने की जानकारी दी थी. उसने पुष्पदीप को बताया था कि पुलकित आर्य उसपर एक बड़े वीआईपी को एक्स्ट्रा सर्विस के लिए दबाव बना रहा है, जिसके लिए अंकिता तैयार नहीं हो रही थी.
3 सितंबर को अंकिता हत्याकांड के खुलासे के बाद मामले की जांच के लिए उत्तराखंड सरकार ने एसआईटी का गठन किया था. डीआईजी पी रेणुका एसआईटी टीम का नेतृत्व कर रही थी. अंकिता भंडारी ने अपने जम्मू निवासी मित्र पुष्पदीप के साथ मोबाइल के माध्यम से वनंत्रा रिजॉर्ट में होने वाले अनैतिक कार्यों की बात साझा की थी, उसने बताया था कि रिजॉर्ट में एक बड़ा वीआईपी आने वाला है. यह भी बताया था कि पुलकित आर्य उसपर वीआईपी को अतिरिक्त सेवा देने का दबाव बना रहा है.
वीआईपी के एंगल पर एसआईटी टीम ने वनंत्रा रिजॉर्ट के आसपास 40 हजार फोन नंबर की लोकेशन की जांच की, वहीं ऋषिकेश से हरिद्वार तक 800 सीसीटीवी कैमरा की फुटेज भी खंगाली गई. लेकिन किसी वीआईपी का कोई सुराग नहीं लग पाया. बता दें कि एसआईटी टीम ने वनंत्रा रिजॉर्ट के पास मिली फोन नंबर की लोकेशन को ट्रेस कर संदिग्ध लोगों से पूछताछ की. वनंत्रा में आने वाले लोगों से भी पूछताछ की गई. लेकिन, वीआईपी के नाम का खुलासा नहीं हो पाया. जो आज तक इस केस में सब से बड़ा सवाल है.
मामले में DIG पी रेणुका ने क्या बताया?
वहीं, इस मामले में जांच पूरी होने के बाद डीआईजी पी रेणुका ने बताया था कि वनंत्रा रिजॉर्ट में वीआईपी सूट था. यहां रुकने वाले प्रत्येक मेहमान को वीआईपी कहा जाता था. हालांकि यह भी खुलासा नहीं हुआ कि अंकिता भंडारी को किस वीआईपी को अतिरिक्त सेवा देने के लिए कहा जा रहा था.
बता दें कि अंकिता भंडारी के दोस्त पुष्पदीप ने ही ऑनलाइन सर्चिंग के माध्यम से उसके लिए वनंत्रा रिजॉर्ट में नौकरी ढूंढी थी. अंकिता से संपर्क न होने पर वह सीधा ऋषिकेश पहुंच गया था. पुष्पदीप ने वीआईपी को अतिरिक्त सेवा देने के लिए अंकिता पर दबाव बनाने की बात पुलिस को बताई थी. वह पुष्पदीप ही था जिससे 18 सितंबर 2022 को घटना के दिन अंकिता भंडारी की आखिरी बार बात हुई थी.
अंकिता को न्याय दिलाने में पुष्पदीप की अहम भूमिका
पुष्पदीप को अंकिता ने बताया था कि वह बहुत परेशान है, उसने बताया था कि वनंत्रा रिजॉर्ट में अनैतिक कार्य होते हैं. पुलकित आर्य और उसके पीए अंकित गुप्ता उर्फ पुलकित उन पर रिजॉर्ट में आने वाले ग्राहकों को अतिरिक्त सेवा देने का दबाव बना रहा है. पुष्पदीप अंकिता से लगातार बात कर रहा था, लेकिन रात साढ़े आठ बजे उसका फोन बंद हो गया. पुष्पदीप ने पुलकित आर्य को फोन किया तो उसने गुमराह करते हुए बताया कि अंकिता सो गई है. अगले दिन पुलकित आर्य का फोन भी बंद हो गया.
पुष्प ने उसके पीए अंकित गुप्ता उर्फ पुलकित को फोन किया उसने बताया कि अंकिता जिम में व्यायाम कर रही है. आखिर में पुष्प ने जब शेफ मनवीर को फोन किया तो उसने बताया कि अंकिता रात से रिजॉर्ट में नहीं है, उसके बाद पुष्प का माथा ठनका और वह सीधा ऋषिकेश पहुंच गए. मामले के खुलासे में पुष्पदीप की ही सबसे अहम भूमिका रही या यूं कहे कि पुष्पदीप ने ही अंकिता को इंसाफ दिलाने में अहम भूमिका निभाई.