हरीश रावत ने कहा 2027 में चुनाव नहीं लड़ूंगा, हरक सिंह बोले- काश ये बात 2022 में कहते

कांग्रेस के बड़े नेताओं की आपसी लड़ाई खत्म होने का नाम नहीं ले रही है,पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत ने हरीश रावत पर निशाना साधा है.
उत्तराखंड में कांग्रेस 2027 का चुनाव तो जीतना चाहती है, लेकिन उसके बड़े नेता आपसी लड़ाई में अभी भी घिरे हुए हैं. ताजा मामला हरीश रावत और हरक सिंह रावत का है. कुछ दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री ओर कांग्रेस के बड़े नेता हरीश रावत ने अपनी इच्छा जाहिर की थी कि 2027 विधानसभा चुनाव वह नहीं लड़ना चाहते है, इसको लेकर हरक सिंह रावत ने चुटकी लेते हुए कहा कि काश यह बात हरीश रावत ने 2022 विधानसभा चुनाव में की होती तो उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार आ गई होती.

बता दें कि उत्तराखंड में कांग्रेस के बड़े नेताओं की आपसी लड़ाई खत्म होने का नाम नहीं ले रही है,पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत ने हरीश रावत पर निशाना साधा है. हरक सिंह रावत ने कहा है कि, हरीश रावत चुनाव न लड़ने और राजनीति से संन्यास लेने की बात तो कर रहे हैं, लेकिन राजनीति करने वाले व्यक्ति का भरोसा करना मुश्किल है.रावत ने साफ कहा कि 2009 से पहले हरीश रावत ने चुनाव ना लड़ने की गंगा के पास कसम खाई थी, लेकिन उसका उल्टा हुआ हरीश रावत ने कई चुनाव लड़े.

हरीश रावत चुनाव न लड़ते तो कांग्रेस की सरकार बनती

वहीं हरक सिंह रावत ने ये भी कहा कि  2022 मे अगर हरीश रावत चुनाव ना लड़े होते तो, उत्तराखंड मे कांग्रेस की सरकार बन गई होती. लालकुआं विधान, रामनगर विधान सभा और सल्ट विधान सभा भी कांग्रेस जीत जाती. हरक सिंह रावत ने कहा कि हरीश रावत 2022 के विधान सभा चुनाव मे कितने इलाकों मे चुनाव प्रचार के लिए गए एक और दो में बस उसके अलावा तो कही नहीं दिखे. मैंने पहले भी कहा था की मेरे और तेरे के चककर मे मत पड़ो, राजनीति मे कोई है मेरा तेरा नहीं. हरक सिंह रावत हरीश रावत की न्याय यात्रा को लेकर बोले इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा. सरकार लाने वाली स्थिति नहीं आ सकेगी. जन नेता हरीश रावत लाखों और हजारों वोटो से हारे है. उन्होंने अपने जीवन में कई चुनाव हारे हैं, जो जीता वो सिकंदर बीजेपी साम दाम दंड भेद करती है, तो तुम्हें किसने मना किया तुम भी करो.

जीतने वाले को ही दुनिया जानती है

इंदिरा गाँधी जैसी आयरन लेडी को राजनारायण जैसे ने हरा दिया इसलिए तो राजनारायण को जानते है, वरना कौन जानता. राजनीति का सीधा फंडा है जो जीता वो सिकंदर. फिर चाहे कितनी यात्रा निकाल लो, वही हरक सिंह रावत ने कहा की 2016 के मामले मे ना मै हरीश रावत को माफ़ कर पाया ना हरीश रावत ने मुझे माफ़ किया. आज भी हरीश रावत इस बात का जिक्र करते रहते हैं.

हरीश रावत का पलटवार

वहीं हरीश रावत ने भी हरक सिंह को लेकर अपनी बात रखी उन्होंने भी हरक सिंह पर अपना पलट वार किया. हरीश रावत ने कहा कि यदि मैंने न कह दिया होता तो 2022 मे उन्हें कांग्रेस मे प्रवेश ही नहीं मिलता. गणेश गोदियाल जी का भरपूर आग्रह था कि उनको पार्टी में लिया जाए. जिसका मैंने सम्मान रखा ओर उनको कांग्रेस में एंट्री दी.हरीश रावत बोले एक बार हरक सिंह रावत को एक सीट के लिए अपने पराक्रम का नजारा दिखाना चाहिए, ताकि 2016 की कटुता कम हो सके. हरक सिंह लोकसभा के चुनाव मे कही दिखाई नहीं दिए और जहाँ तक मुझे याद है जो उनके लोग निकट के बताते है वो नकारात्मक प्रचार कर रहें थे. मै नाम भी बता सकता हूँ कि कौन कौन क्या क्या कर रहा था. हरीश रावत ने कहा कि मै उनकी लम्बी उम्र की कामना करता हूँ. लेकिन उन्हें समझना होगा की धैर्य राजनीति मे बहुत जरुरी होता है.

हरीश रावत बोले कि वक्त बड़े से बड़ा घाव भर देता है व्यक्ति पुत्र के हत्यारे को माफ़ कर देता है. 2016 मे लोकतंत्र की हत्या हुई थी. उत्तराखंडियत की भी हत्या हुई थी, लेकिन उस घाव को मै सीने मे रखकर के पीने के लिए तैयार हूँ. हरक सिंह से बस आग्रह है कहीं तो अपना हुनर दिखाओ केदारनाथ में भी जैसी उनसे अपेक्षा थी वो भी पूरा नहीं कर पाए. ये सब बातें है उन्हें ये समझना होगा.

बगावत से कांग्रेस को नुकसान

हमारे दर्द को भी समझना होगा आज कांग्रेस सत्ता से बाहर है तो 2016 की बगावत की वजह से पूरी प्रोसेस डिरेल हो गई और बीजेपी के लिए अवसर बना. आज बीजेपी सत्ता मे है तो उन्हें हर दिन ‘ हरक सिंहाय नम ‘ कहना चाहिए. अगर हरक सिंह ना होते तो बीजेपी सत्ता मे कभी नहीं आती. वही हरीश रावत ने अपनी न्याय यात्रा को लेकर भी बात कही. उन्होंने कहा ये यात्रा न्याय की है .

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