हरियाणा में वक्फ बोर्ड को दी गई जमीनों पर CM नायब सैनी ने बैठाई कमेटी, कहा- ‘जांच कराकर…’

Haryana Waqf Board Land: हरियाणा के शामलात में जमीनें वक्फ बोर्ड को देने का मामला गरमाया हुआ है. सीएम नायब सिंह सैनी ने इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया है.

Haryana Waqf Board Land News: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने एकबार फिर दोहराया कि शामलात देह की जमीन को वक्फ बोर्ड से वापस लेने का काम हमारी नॉन-स्टॉप सरकार करेगी. उन्होंने शनिवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि बहुत सी जमीनें वक्फ दो दी गई हैं. पूरे प्रदेश में जांच करेंगे. इसके लिए एक कमेटी का गठन किया गया है.

नायब सिंह सैनी ने कहा, ”हम लोग इस मामले में बैठक करेंगे. जो जमीनें वक्फ बोर्ड को पहल दी गई हैं, किस वजह से दी और किसने दी. यह संगीन और गंभीर मामला है. इस मामले की जांच कराकर शामलात और अन्य जगहों की जमीनें वापस देंगे.”

विधानसभा में भी सीएम सैनी कर चुके हैं घोषणा

इससे पहले सीएम नायब सिंह सैनी ने बुधवार को विधानसभा में इसको लेकर घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि हरियाणा में किसी भी गांव की शामलात भूमि वक्फ बोर्ड के नाम की गई है तो उसकी पूरी जांच की जाएगी. उन्होंने बताया था कि रोहतक-गोहाना मार्ग पर पीर बोधी मामले में जांच के लिए मंडल आयुक्त ने नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया जाएगा. करनाल मंडलायुक्त और रोहतक जिला उपायुक्त इस कमेटी के सदस्य होंगे. यह कमेटी सारे तथ्य और रिकॉर्ड की गहनता से जांच करेगी.

ऐसा बताया जा रहा है कि 1990 में जमीन को वफ्फ बोर्ड के नाम कर दिया गया है. सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा था कि जमीन कैसे ट्रांसफर की गई यह जांच का विषय है. उन्होंने कहा था कि हमारी सरकार तालाब, जोहड़ और जलाशय के सरंक्षण के लिए प्रतिबद्ध है. 

कांग्रेस के सवाल उठाने पर हमने की थी जांच- सीएम सैनी

सीएम सैनी ने कहा कि कांग्रेस की ओर से कहा गया था कि रोहतक में तालाब था. हमारे पास यह जानकारी थी कि यह वक्फ बोर्ड की जमीन है. यहां कहीं भी नहीं लिखा था कि वह तालाब है. जब बार-बार इस मुद्दे को उठाया गया तो हमे जांच कराई. जांच से पता चला कि वह कोई वक्फ बोर्ड की जमीन नहीं थी बल्कि 1990 में उसे वक्फ बोर्ड को दे दिया गया था.

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