
सावन (Sawan 2025) का महीना भगवान शिव की पूजा के लिए बहुत शुभ माना जाता है खासकर सावन सोमवार का व्रत। आज सावन का पहला सोमवार है। ऐसे में शिव जी की भाव के साथ आरती जरूर करें। ऐसा करने से भोलेनाथ की कृपा मिलती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
सावन का महीना बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा होती है। वहीं, इस दौरान पड़ने वाले सभी सोमवार का बहुत ज्यादा महत्व है। आज सावन का पहला सोमवार (First Sawan Vrat 2025) है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन सोमवार का व्रत रखने से भगवान शिव खुश होते हैं। इसलिए इस दिन सुबह पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें। फिर साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद भगवान शिव का ध्यान करें। शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, बिल्व पत्र और शमी पत्र अर्पित करें।
इसके बाद उनके मंत्रों का जाप करें। सफेद मिठाई का भोग लगाएं। अंत में आरती करें। ऐसा करने से भगवान शिव की कृपा मिलती है। साथ मनचाहा फल मिलता है।
।।शिव जी की आरती।। (Lord Shiv Aarti)
जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव…॥
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव…॥
।।माता पार्वती की आरती।। (Mata Parvati Ki Aarti)
जय पार्वती माता जय पार्वती माता
ब्रह्म सनातन देवी शुभ फल कदा दाता।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता
जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुणगु गाता।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
सिंह को वाहन साजे कुंडल है साथा
देव वधुजहं गावत नृत्य कर ताथा।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
सतयुग शील सुसुन्दर नाम सती कहलाता
हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
शुम्भ निशुम्भ विदारेहेमांचल स्याता
सहस भुजा तनुधरिके चक्र लियो हाथा।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
सृष्टि रूप तुही जननी शिव संग रंगराता
नंदी भृंगी बीन लाही सारा मदमाता।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
देवन अरज करत हम चित को लाता
गावत दे दे ताली मन मेंरंगराता।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
श्री प्रताप आरती मैया की जो कोई गाता
सदा सुखी रहता सुख संपति पाता।
जय पार्वती माता मैया जय पार्वती माता।