
सुबह साढ़े 6 बजे थे।सड़कों पर कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। जिधर भी नजर डालें, हर तरफ घना कोहरा छाया हुआ था। जयदेव विहार से रसूलगढ़ हो या खंडगिरि से सामंतरापुर—चंद्रशेखरपुर, बरमुंडा, पटिया, कल्पना, एजी, राजमहल—हर जगह एक-सा ही दृश्य देखने को मिल रहा था।
आज सुबह 8 बजे तक 200 मीटर की दूरी से भी लिंगराज मंदिर साफ दिखाई नहीं दे रहा था।कई स्थानों पर कोहरा इतना घना था कि वाहन चालकों को सड़क का अंदाजा नहीं हो पा रहा था। कोई डिवाइडर के पास वाहन टकरा रहा था तो किसी की गाड़ी की रफ्तार 20 किमी प्रति घंटा से भी कम हो गई थी।
हवाई अड्डा क्षेत्र में तो सुबह साढ़े 5 बजे से साढ़े 7 बजे के बीच न्यूनतम दृश्यता 100 मीटर दर्ज की गई।बाद में थोड़ी सुधार जरूर आई, लेकिन सुबह 9 बजे तक दृश्यता केवल 600 मीटर ही रही। घने कोहरे की चपेट में रहने के कारण भुवनेश्वर के लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
कोहरे की वजह से यातायात पूरी तरह प्रभावित हुआ। सुबह-सुबह काम पर जाने वालों के लिए आवाजाही काफी मुश्किल हो गई। जो भी बाहर निकल रहे थे, उनके मन में डर बना हुआ था। सिटी बसों समेत ऑटो और कारों की रफ्तार काफी धीमी हो गई थी। कुछ ट्रेन सेवाएं भी प्रभावित हुईं। तय समय पर स्टेशन न पहुंच पाने के कारण यात्रियों में असंतोष देखने को मिला।
मौसम विभाग ने बताया है कि अगले 4 दिनों तक भुवनेश्वर में ऐसी ही स्थिति बनी रह सकती है।दिन और रात के तापमान में किसी बड़े बदलाव की संभावना नहीं है। अगले 24 घंटों तक भुवनेश्वर में घने कोहरे की आशंका बनी हुई है। 28 तारीख से कोहरे की स्थिति में कुछ बदलाव आ सकता है।
दूसरी ओर, घने कोहरे को ध्यान में रखते हुए राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) ने एहतियातन दिशा-निर्देश जारी किए हैं। बताया गया है कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में घना कोहरा देखा जा रहा है, जिससे वाहन चालकों को सड़क स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं दे रही है। ऐसे में दुर्घटनाओं से बचने के लिए घने कोहरे में वाहन न चलाने की सलाह दी गई है।
यदि अत्यंत आवश्यक हो तो बहुत सावधानी बरतने को कहा गया है। वाहन चलाते समय हमेशा हेडलाइट चालू रखने, फॉग लैंप का उपयोग करने, सड़क चिह्नों व अन्य यातायात संकेतों पर नजर रखने और नींद या सुस्ती की हालत में वाहन न चलाने की सलाह दी गई है।



