‘…वरना किसानों की 3 पीढ़ियां हो जाएंगी बर्बाद’, उद्धव ठाकरे ने PM मोदी को लिखा पत्र, कर दी ये मांग

Maharashtra Politics: प्रधानमंत्री मोदी 8 और 9 अक्टूबर को मुंबई दौरे पर रहेंगे. वे मुंबई में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे. इससे पहले उद्धव ठाकरे ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है.प्रमुख ने बाढ़ग्रस्त किसानों को प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपये की सहायता और सम्पूर्ण कर्जमाफी की मांग की है. अपने पत्र में उन्होंने लिखा कि अगर अभी बाढ़ग्रस्त किसानों की मदद नहीं की गई, तो मराठवाड़ा के किसानों की तीन पीढ़ियां बर्बाद हो जाएंगी

दरअसल, राज्य के किसान बाढ़ से पूरी तरह तबाह हो चुके हैं और खरीफ की फसलें बर्बाद हो गई हैं. ऐसी स्थिति में राज्य सरकार ने 2,500 करोड़ रुपये का पैकेज घोषित किया है, लेकिन विपक्ष का कहना है कि यह पर्याप्त नहीं है. इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के महाराष्ट्र दौरे पर आ रहे हैं, जिससे मराठवाड़ा के बाढ़ग्रस्त किसान उम्मीद भरी नजरों से उनकी ओर देख रहे हैं. इसलिए प्रधानमंत्री से अपेक्षा की जा रही है कि वे किसानों के लिए प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपये की क्षतिपूर्ति और सम्पूर्ण कर्जमाफी की घोषणा करें.

8-9 अक्टूबर को मुंबई आएंगे पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी 8 और 9 अक्टूबर को मुंबई दौरे पर रहेंगे. वे मुंबई में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे, लेकिन महाराष्ट्र की जनता की नजर इस बात पर टिकी है कि मराठवाड़ा के बाढ़ग्रस्तों के लिए प्रधानमंत्री कौन-सा विशेष आर्थिक पैकेज घोषित करेंगे. उद्धव ठाकरे ने कहा कि प्रधानमंत्री का यह दौरा बाढ़ पीड़ित किसानों के लिए लाभदायक साबित होना चाहिए.

‘किसानों की तीन पीढ़ियां हो जाएंगी खत्म’

प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में उद्धव ठाकरे ने लिखा, “पूरा मराठवाड़ा आज भी कीचड़ और पानी में डूबा हुआ है. फसलें, घर, पशुधन सब बह गए हैं. जमीन तक पूरी तरह से बह चुकी है, जिस पर कम से कम दो पीढ़ियों तक खेती नहीं की जा सकेंगी. 40 लाख किसान और 60 लाख एकड़ जमीन बाढ़ से प्रभावित हुई है. प्रधानमंत्री को चाहिए कि ‘पैकेज’ के नाम पर सिर्फ दिखावा न करें, बल्कि प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपये की सीधी सहायता और कर्ज में डूबे किसानों के लिए कर्जमाफी की घोषणा करें.”

‘खोखली घोषणाएं न करें’

उन्होंने आगे लिखा, “अगर अभी बाढ़ग्रस्त किसानों की मदद नहीं की गई, तो मराठवाड़ा के किसानों की तीन पीढ़ियां बर्बाद हो जाएंगी. इसलिए बाढ़ पीड़ित किसानों की ओर से मैं प्रधानमंत्री से विनम्र निवेदन करता हूं कि खोखली घोषणाएं न करें, बल्कि किसानों को वही दें जिसकी उन्हें सच में जरूरत है.”

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