राजस्थान के 5000 फार्मासिस्ट को मिलेगा नया नाम

फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआइ) ने देशभर में तैनात फार्मासिस्ट्स के लिए बड़ा कदम उठाते हुए ‘फार्मासिस्ट भर्ती, पदोन्नति एवं सेवा विनियम-2025’ का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। इस प्रस्ताव को पीसीआइ की 120वीं केंद्रीय परिषद की बैठकों में मंजूरी मिल चुकी है। अब परिषद ने इसे सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजते हुए तीन माह में उनकी राय मांगी है। ड्राफ्ट पर अंतिम सहमति के बाद देश में पहली बार फार्मासिस्ट्स का स्वतंत्र कैडर बनेगा। राजस्थान के सरकारी अस्पतालों में तैनात करीब 5 हजार सरकारी फार्मासिस्ट्स को इसका सीधा लाभ मिलेगा।

फार्मासिस्ट्स नहीं फार्मेसी ऑफिसर होगा नया नाम
प्रस्तावित ढांचे के अनुसार अब उनके नाम के साथ फार्मेसी ऑफिसर पदनाम जोड़ा जाएगा। इससे न केवल उनकी सेवा शर्तें स्पष्ट होंगी, बल्कि पदोन्नति, जिम्मेदारियां और प्रशिक्षण व्यवस्था भी मानकीकृत होगी। ड्राफ्ट नियमन में फार्मेसी शिक्षा, पंजीकरण, सरकारी सेवा में भर्ती और प्रमोशन के लिए दिशा-निर्देश तय किए गए हैं।

पूरे देश में सेवा गुणवत्ता बढ़ाएगा एक समान कैडर
पीसीआइ ने पत्र में स्पष्ट किया है कि फार्मासिस्ट स्वास्थ्य व्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और उनके लिए एक समान कैडर पूरे देश में सेवा गुणवत्ता बढ़ाएगा। राज्यों को निर्देश दिया गया है कि वे 90 दिनों में ड्राफ्ट पर अपनी टिप्पणी भेजें, ताकि परिषद आगे की प्रक्रिया पूरी कर सके।

सरकार इन्हें लागू करे
राजस्थान में लगभग 5000 नियमित फार्मासिस्ट कार्यरत हैं। राजस्थान फार्मासिस्ट एसोसिएशन कई वर्षों से ग्रेड पे 4200 करने और फार्मासिस्ट का पदनाम फार्मेसी ऑफिसर करने के लिए संघर्ष कर रहा है। सरकार को इन्हें लागू करना चाहिए।

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