मुजफ्फरपुर जिले में बागमती नदी उफान पर

मुजफ्फरपुर जिले में बीते तीन दिनों से बागमती नदी ने भयावह रूप ले लिया है, जिससे औराई, कटरा और अब गायघाट प्रखंड क्षेत्र पूरी तरह प्रभावित हो गया है। गायघाट प्रखंड के बेनीबाद थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है, जिससे आम लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

ग्रामीण इलाकों में सैकड़ों एकड़ फसलें पानी में डूब गई हैं, वहीं लोग अपनी जान बचाने के लिए ऊंचे स्थानों पर शरण लेने लगे हैं। लगातार तीन दिनों से बागमती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।

बाढ़ के कारण कटरा-बेनीबाद मार्ग पूरी तरह ठप हो गया है, साथ ही दर्जनों सड़कें टूट चुकी हैं। जानकारी के अनुसार, गायघाट प्रखंड के केवटसा, बरुआरी, शिवडाहा, कोदई कल्याणी, पिरौछा, बलौर निधि समेत कई पंचायतों के चार दर्जन से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे हालात और खराब हो रहे हैं।

स्थानीय ग्रामीण कुंवर रूपेश ने बताया कि “कल दिनभर से पानी लगातार बढ़ रहा है, जिससे गांव में आवाजाही पूरी तरह बंद हो गई है। खेतों में लगी सैकड़ों एकड़ धान की फसल डूब चुकी है, जिससे किसानों की परेशानी बढ़ गई है।” फिलहाल बागमती नदी खतरे के निशान से 1.20 मीटर ऊपर बह रही है। लगातार बढ़ते जलस्तर से किसान और ग्रामीण दोनों मुश्किल में हैं। इधर, बागमती और बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि के बाद जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है।

मुजफ्फरपुर के पूर्वी अनुमंडल पदाधिकारी तुषार कुमार ने बताया कि “बाढ़ के खतरे को देखते हुए सभी विभागों को अलर्ट पर रखा गया है। क्षेत्र में लगातार निगरानी की जा रही है और बाढ़ प्रभावित इलाकों में नाव संचालन शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।”

उन्होंने कहा कि प्रशासन इस बात का ध्यान रख रहा है कि स्थानीय लोगों को आवाजाही या जरूरी सामान की कोई परेशानी न हो। सभी अंचल अधिकारी और विभागीय कर्मचारी लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। एसडीओ तुषार कुमार ने कहा कि “नदी का जलस्तर अभी भी खतरे के निशान से ऊपर है। हम स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसी प्रकार की जनहानि या हादसा न हो।”

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