मुंबई परीक्षण के दौरान मोनोरेल ट्रेन एकतरफ झुकी

मुंबई की मोनो रेल एक बार फिर से चर्चा में है। एक बार फिर से मोनो रेल हादसे की शिकार हो गई है। बुधवार को परीक्षण के दौरान मोनो रेल वडाला डिपो के पर एक तरफ झुक गई। बताया जा रहा है कि यह हादसा पटरी बदलने के दौरान हुआ। राहत की बात यह रही कि ट्रेन में कोई यात्री मौजूद नहीं था। घटना के तुरंत बाद मुंबई फायर ब्रिगेड और महा मुंबई मेट्रो ऑपरेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड की तकनीकी टीमें मौके पर पहुंचीं। मामले की जांच कर रही हैं।

बुधवार सुबह मुंबई के वडाला डिपो में परीक्षण के दौरान एक मोनोरेल ट्रेन का एक डिब्बा बीम से टकराने के बाद क्षतिग्रस्त हो गया। अधिकारियों ने कहा कि ट्रेन में कोई यात्री नहीं था। मोनोरेल संचालक महा मुंबई मेट्रो रेल ऑपरेशंस लिमिटेड (एमएमएमओपीएल) ने इसे एक “मामूली घटना” बताया है। दुर्घटना सुबह 9 बजे की बताई गई। एक दमकल अधिकारी ने बताया कि चालक दल के दो सदस्यों को मोनोरेल से सुरक्षित बचा लिया गया।

अधिकारियों ने बताया कि दुर्घटना वडाला डिपो के ठीक बाहर एक क्रॉसओवर पॉइंट पर हुई, जब सुबह करीब 9 बजे सिग्नलिंग परीक्षण के लिए सफेद रंग की मोनोरेल को रेक से बाहर निकाला जा रहा था। उन्होंने बताया कि परीक्षण के दौरान ड्राइवर के साथ एक इंजीनियर भी मौजूद था। अधिकारियों ने बताया कि हादसे में कोच के अंडरगियर, कपलिंग और बोगियों के साथ-साथ पहियों के कवर भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। गलियारे के नीचे से देखने पर ट्रेन दो बीमों के बीच फँसी हुई दिखाई देती है, जिसका एक हिस्सा हवा में लटका हुआ है।

इससे पहले मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी ने बार-बार हो रही तकनीकी गड़बड़ियों की विस्तृत जांच के लिए एक समिति गठित की थी। पिछले महीनों में 20 अगस्त और 15 सितंबर को आई तकनीकी खराबियों के चलते सैकड़ों यात्री अलग-अलग स्थानों पर दो मोनोरेल ट्रेनों में फंस गए थे।

20 अगस्त 2025 को भारी बारिश के दौरान चेंबूर और भक्ति पार्क स्टेशन के बीच मोनोरेल खराब हो गई थी, जिससे 500 से अधिक यात्री ट्रेन में फंस गए थे। इसके बाद 15 सितंबर 2025 को, एक अन्य मोनोरेल ट्रेन में सॉफ्टवेयर खराबी आने से वडाला स्टेशन के पास 17 यात्रियों की आपातकालीन स्थिति से निकालना पड़ा था। जिसके चलते दो घंटे तक सेवाएं बाधित रही थीं।

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