वक्फ संशोधन अधिनियम पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान और भाजपा के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ नारे पर राकांपा-एससीपी सांसद सुप्रिया सुले ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि संयुक्त संसदीय समिति बहुत बड़ी चीज है। यह लोकतंत्र है। देश संविधान पर चलता है, न कि किसी अदृश्य ताकत से।
महाराष्ट्र में अगले हफ्ते विधानसभा चुनाव होने वाला है। राज्य में सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। राजनीतिक दलों की ओर लगतार विवादित बयान भी दिए जा रहे हैं। इस बीच शिवसेना नेता साइना एनसी ने शिवसेना (यूबीटी) को घेरा। हाल ही में उद्धव गुट के शिवसेना नेता अरविंद सावंत ने शिवसेना (शिंदे गुट) की नेता शाइना एनसी को लेकर विवादास्पद बयान दिया था। हालांकि, उन्होंने केस दर्ज कराया था, लेकिन चुनाव से पहले साइना ने एक बार फिर उद्धव गुट पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पहले वे आपत्तिजनक टिप्पणियां करते हैं और फिर बाद से सफाई पेश करते हैं।
विधानसभा चुनाव से पहले शिवसेना नेता साइना एनसी ने कहा, “मैं उबाता सेना (उद्धव ठाकरे की सेना) पर सवाल उठाना चाहती हूं। पहले तो आप महिलाओं के लिए अनुचित शब्दों का इस्तेमाल करते हैं और फिर बाद में उसे आपत्तिजनक बताते हैं। और देखिए कि वे जोगेश्वरी विधानसभा क्षेत्र में क्या करने आए हैं। यहां एक उबाता उम्मीदवार के कार्यकर्ताओं ने महिला पर हमला कर दिया, उसके कपड़े फाड़ दिए और उसकी कार पर हमला किया। उसे उसके घर तक पीछा किया। क्या यह आपराधिक कृत्य नहीं है? हम ऐसा होने नहीं देंगे। महाराष्ट्र की महिलाएं, सीएम पुलिस कार्रवाई करेंगे और दोषियों को सजा देंगे।”
भाजपा ने नारे पर सुप्रिया सुले ने दी प्रतिक्रिया
वक्फ संशोधन अधिनियम पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान और भाजपा के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ नारे पर राकांपा-एससीपी सांसद सुप्रिया सुले ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “संयुक्त संसदीय समिति बहुत बड़ी चीज है। यह लोकतंत्र है। देश संविधान पर चलता है, न कि किसी अदृश्य ताकत से। ये बांटने की भाषा बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान के खिलाफ है। इससे यह स्पष्ट होता है कि भाजपा संविधान के खिलाफ है। हर दिन विपक्षी नेताओं की तलाशी ली जा रही है। यह कौन सी नई गंदी राजनीति है?”
राज्य में अगले हफ्ते चुनाव
बता दें कि 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुनाव 20 नवंबर को एक ही चरण में होंगे, जबकि विधानसभा चुनाव के मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी। वहीं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, भाजपा और अजीत पवार की एनसीपी से मिलकर बनी महायुति सत्ता बरकरार रखने की कोशिश कर रही है, जबकि शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी (एसपी) और कांग्रेस की विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) इसे सत्ता से बेदखल करने के प्रयास में है।