
मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार अपने विवादित बयान को लेकर बैकफुट पर आ गए हैं। बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के कार्यक्रम में राजा राममोहन राय को “अंग्रेजों का दलाल” बताने के बाद खड़ा हुआ सियासी तूफान थमने का नाम नहीं ले रहा था। बढ़ते विरोध और लगातार हो रहे राजनीतिक हमलों के बीच आखिरकार मंत्री परमार ने अपने बयान पर यू-टर्न लेते हुए सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली है।
इंदर सिंह परमार ने देर शाम एक वीडियो जारी कर कहा कि बिरसा मुंडा जयंती के कार्यक्रम में वे अंग्रेजों की चाल और षड्यंत्र के बारे में बता रहे थे। उसी दौरान फ्लो में उनके मुंह से गलत शब्द निकल गए। उन्होंने कहा कि राजा राममोहन राय एक महान समाज सुधारक थे और वे व्यक्तिगत रूप से उनका सम्मान करते हैं। बयान में हुई गलती पर दुख जताते हुए उन्होंने कहा कि वे इसके लिए प्रायश्चित करते हैं।
कांग्रेस ने उनके बयान को लेकर तीखा हमला बोला था। विपक्ष ने इसे इतिहास और समाज सुधारकों का अपमान बताते हुए मंत्री के इस्तीफे की मांग तक कर दी थी। बढ़ते विवाद के बीच परमार की माफी ने राजनीतिक हलचल को एक नई दिशा दे दी है। अब देखना होगा कि इस यू-टर्न के बाद सियासी घमासान थमता है या विपक्ष इसे मुद्दा बनाकर आगे बढ़ाता है।



