करीब डेढ़ माह में पठानकोट में छह से सात बार संदिग्ध देखे जा चुके हैं लेकिन पुलिस, घातक कमांडो और सेना को एक भी नहीं मिला है। बॉर्डर क्षेत्र में संदिग्धों की सूचना के बाद पुलिस और घातक कमांडो की ओर से सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
पठानकोट के सीमावर्ती क्षेत्र बमियाल के गांव रमकालवां में एक बार फिर से तीन संदिग्ध दिखे हैं। एक वृद्ध महिला ने तीनों को देखा।
थाना नरोट जैमल सिंह के प्रभारी तजिंदर सिंह ने बताया कि रमकालवां में एक 60 साल की महिला घर में अकेली रहती है और उसका बेटा दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करता है। महिला ने अपने घर के दरवाजे पर बुधवार रात 12 बजे के करीब तीन हथियारबंद संदिग्ध देखे।
गली में कुत्तों के भौंकने पर वे तीनों फरार हो गए। उसके बाद महिला ने उक्त संदिग्धों के बारे में अपने बेटे को सूचना दी। महिला के बेटे ने पुलिस को सुबह 10 बजे के बाद अलर्ट किया। इसके बाद पुलिस और घातक कमांडो सर्च करने के लिए महिला के गांव पहुंचे। महिला ने पुलिस को यह भी बताया कि उनके पांव के निशान भी देखे और तीनों उसका दरवाजा खटखटाने की कोशिश भी करने लगे। डर के मारे महिला ने दरवाजा नहीं खोला।
बॉर्डर से पांच किलोमीटर दूरी पर है गांव
गांव रमकालवां बॉर्डर से पांच किलोमीटर दूरी पर है। पुलिस संदिग्धों के पांव के निशान को देखते हुए क्षेत्र का चप्पा-चप्पा खंगाल रही है। हालांकि पुलिस और कमांडो के हाथ कुछ नहीं लगा है। करीब दो दिन तक यह सर्च पुलिस जारी रहेगी, क्योंकि बॉर्डर क्षेत्र का आधे से ज्यादा एरिया सुनसान है। संदिग्धों की मूवमेंट के बाद एक बार फिर से जिला अलर्ट पर है।
इस जगह से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर वर्ष 2010 में पंजाब पुलिस और आतंकियों में मुकाबला हुआ था जिसमें दो आतंकी मारे गए थे। जबकि 26 जुलाई को भी इसके साथ लगते क्षेत्र गांव कोट भट्टिया में सबसे पहले हथियारबंद संदिग्ध देखे गए थे जो एक फार्म हाउस में मजदूर को बंधक बनाकर खाना पीना कर फरार हो गए।