
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर पर ड्रोन-आधारित ओवरहेड इक्विपमेंट (ओएचई) मॉनिटरिंग प्रणाली की शुरुआत की है। रेलवे, आरआरटीएस और मेट्रो प्रणालियों के रखरखाव के क्षेत्र में यह एक बड़ा कदम है। ड्रोन द्वारा की जाने वाली मॉनिटरिंग का प्रबंधन कॉरिडोर के संचालन और रखरखाव में एनसीआरटीसी के पार्टनर डीबी आरआरटीएस ऑपरेशंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में किया जाएगा।
एनसीआरटीसी के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पुनीत वत्स ने बताया कि हाई-रिजॉल्यूशन कैमरों, थर्मल सेंसर और एआई-संचालित एनालिटिक्स से लैस ये ड्रोन, स्मार्ट, सुरक्षित और तीव्र गति से ओएचई की निगरानी करने में सक्षम हैं। ये ड्रोन ओवरहेड लाइनों की डिटेल दृश्य कैप्चर करते हैं। इससे ओएचई की ढीली फिटिंग, इंसुलेशन संबंधी समस्याओं या हॉटस्पॉट जैसी समस्याओं के शुरुआती संकेतों का पता लगाया जा सकता है।
एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक शलभ गोयल ने कहा कि इस ड्रोन आधारित ओएचई मॉनिटरिंग प्रणाली की शुरुआत के साथ नमो भारत सेवाओं की सुरक्षा और विश्वसनीयता और मजबूत हुई है। इसके द्वारा पूर्वानुमानित और तकनीक-संचालित रखरखाव सक्षम हुआ है जो यात्रियों के लिए एक निर्बाध, आरामदायक और भरोसेमंद यात्रा सुनिश्चित करता है। डीबी ईसीओ ग्रुप और डीबी इंटरनेशनल ऑपरेशंस के सीईओ निको वॉरबनॉफ ने कहा कि ड्रोन का उपयोग सुरक्षा, नवाचार और दूरदर्शिता के प्रति हमारी संयुक्त प्रतिबद्धता को दर्शाता है।