
दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की वित्तीय पारदर्शिता और जवाबदेही को नई दिशा देने के लिए सरकार ने मंगलवार को ऑटोमेटेड फेयर कलेक्शन सिस्टम (एएफसीएस) लॉन्च किया।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और परिवहन मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह ने इसे राजधानी की बस सेवाओं के लिए ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह सिस्टम यात्रियों और निगम दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगा। अब तक डीटीसी में मैनुअल टिकटिंग सिस्टम चलता था। यात्रियों को नकद टिकट देना पड़ता था और कई बार किराया सही ढंग से जमा न होने से निगम को नुकसान होता था।
एएफसीएस लागू होने के बाद हर टिकट से मिलने वाली राशि सीधे डीटीसी के बैंक खाते में जाएगी। इससे राजस्व की चोरी रुकेगी और टिकटिंग में पारदर्शिता आएगी। नई मशीनें पीओएस/ईटीएम (इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीन) होंगी, जिनसे यात्री नकद के अलावा यूपीआई, डेबिट/क्रेडिट कार्ड और यूनिवर्सल क्यूआर कोड के जरिए भुगतान कर सकेंगे।
चलो एप को भी एएफसीएस से जोड़ा गया है। यात्री एप से डिजिटल टिकट खरीद सकेंगे जिस पर 10% की छूट भी मिलेगी। एएफसीएस लागू करने के लिए दिल्ली सरकार ने कैनरा बैंक के साथ साझेदारी की है।
फिलहाल बैंक ने 3000 आधुनिक टिकटिंग मशीनें मुफ्त में उपलब्ध कराई हैं। डीटीसी के पूरे बेड़े में अब क्यूआर कोड स्टिकर लगाए जा चुके हैं। अधिकारियों का कहना है कि अब हर बेचे गए टिकट का डाटा तुरंत सर्वर पर जाएगा। इससे पता चलेगा कि किस रूट पर कितने यात्री सफर कर रहे हैं और कितनी कमाई हुई है। पहले टिकट बिकने पर पूरा पैसा निगम तक नहीं पहुंच पाता था।
यात्री तीन तरीके से ले सकेंगे टिकट
चलो एप से
मोबाइल पर ‘चलो एप’ डाउनलोड करें।
एप खोलकर रूट और गंतव्य चुनें।
भुगतान करें और डिजिटल टिकट फोन पर लें।
इस टिकट पर 10% छूट भी मिलेगी।
यूनिवर्सल क्यूआर कोड से
बस के भीतर लगाए गए क्यूआर कोड को स्कैन करें।
किसी भी यूपीआई एप से किराया भरें।
डिजिटल टिकट तुरंत मिल जाएगा।
ईटीएम मशीन से
कंडक्टर के पास मौजूद नई इलेक्ट्रॉनिक मशीन से टिकट लें।
नकद, कार्ड या यूपीआई से भुगतान किया जा सकता है।
तुरंत प्रिंटेड टिकट हाथ में मिल जाएगा।