तहव्वुर राणा मामले में वकील बोले- ‘मैं अपना नाम नहीं बोल सकता’, कोर्ट ने दी ये सख्त हिदायत

 26/11 मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा को कोर्ट ने 18 दिन की NIA कस्टडी में भेज दिया है. राणा के वकील ने बताया कि कोर्ट के आदेशानुसार वो अपना नाम तक नहीं बता सकते हैं.

26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्‍वुर राणा को लेकर गुरुवार (10 अप्रैल) देर रात चली सुनावाई के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) कस्टडी में भेज दिया गया है. अदालत ने NIA की 20 दिन की रिमांड याचिका के खिलाफ फैसला सुनाते हुए 18 दिन की कस्टडी को मंजूरी दी है. इस दौरान राणा से जांच एजेंसी गहन पूछताछ करेगी.

दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) की ओर से नियुक्त किए गए वरिष्ठ वकील पीयूष सचदेवा (Piyush Sachdeva) और उनके सहयोगी वकील लक्षयधीर ने तहव्‍वुर राणा की ओर से अदालत में पेश होकर कानूनी प्रक्रिया को पूरा किया और आगे भी करेंगे. चूंकि आरोपी के पास कोई निजी वकील नहीं था, ऐसे में DLSA के तहत इन्हें राणा का केस लड़ने के लिए चुना गया.

कस्टडी में ही होगा तहव्‍वुर राणा का मेडिकल- वकील
वकील पीयूष सचदेवा ने बताया कि तहव्‍वुर राणा की नियमित मेडिकल जांच की जाएगी और हर बार कस्टडी में लिए जाने से पहले उसका मेडिकल चेकअप अनिवार्य रूप से किया जाएगा. जब मीडिया ने केस से जुड़ी अन्य जानकारियों और कोर्ट में हुई दलीलों के बारे में पूछा, तो सचदेवा ने कहा कि अदालत ने इस संबंध में किसी भी चर्चा पर बात करने से साफ मना किया है. 

मैं अपना नाम भी नहीं बता सकता- वकील
जब मीडियाकर्मियों ने उनसे उनका नाम बताने का अनुरोध किया, तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि वे मीडिया के सामने अपना नाम तक जाहिर नहीं कर सकते, क्योंकि यह भी कोर्ट के निर्देशों के खिलाफ है.

कौन हैं पीयूष सचदेवा?
दिल्ली के वरिष्ठ अधिवक्ता पीयूष सचदेवा एक अनुभवी और जाने-माने वकील माने जाते हैं. वह दिल्ली DLSA से जुड़े हैं और पहले भी कई हाई-प्रोफाइल मामलों से जुड़े केस लड़ चुके हैं. इस बार उन्हें आतंकी गतिविधियों के आरोपी तहव्‍वुर राणा का कानूनी पक्ष रखने का जिम्मा सौंपा गया है, जो कि अपने आप में एक संवेदनशील और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है.

बता दें कि तहव्‍वुर राणा का नाम 2008 के मुंबई हमलों में आया था और अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाए जाने के बाद अब यह मामला एक बार फिर चर्चाओं में है. आने वाले दिनों में राणा से पूछताछ और कानूनी कार्यवाही की दिशा पर देशभर की निगाहें टिकी रहेंगी.

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