
झारखंड के जामताड़ा जिले में एक सेवानिवृत्त रेलवे कर्मचारी को मकान बेचने के नाम पर 89 लाख रुपये की ठगी का शिकार बनाया गया। इस मामले में पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधीक्षक राजकुमार मेहता ने बताया कि देवघर जिले के चित्रा निवासी मुकेश रावणी जामताड़ा में घर खरीदना चाहते थे। उन्हें रेलवे स्टेशन के पास एक मकान की जानकारी मिली। यह मकान कोलकाता निवासी समीर सरकार का है, लेकिन कुछ ठगों ने खुद को मालिक बताकर रावणी से संपर्क किया।
रावणी ने ठगों के खाते में 89 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। पैसे लेने के बाद आरोपी मकान की रजिस्ट्री कराने में टालमटोल करने लगे। इसके बाद संदेह होने पर रावणी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान घनश्याम महतो, विक्रम महतो, पंचानंद दास, टुम्पा सरकार, परिमल बौरी और जिसु सरकार के रूप में हुई है। पुलिस जांच में सामने आया कि घनश्याम और विक्रम ने पूरे धोखाधड़ी की साजिश रची थी। पंचानंद दास को मकान मालिक बताया गया, जबकि परिमल बौरी और टुम्पा सरकार ने उसके बेटे और बहू की भूमिका निभाई। जिसु सरकार को पोते के रूप में पेश किया गया।
रावणी ने 84 लाख रुपये टुम्पा के खाते में और 5 लाख रुपये जिसु के खाते में भेजे। बाद में आरोपियों ने यह रकम आपस में बांट ली। इसमें पंचानंद दास को 15.75 लाख रुपये, घनश्याम महतो को 27.76 लाख रुपये, विक्रम महतो को 5.85 लाख रुपये और परिमल बौरी को 5.60 लाख रुपये मिले। पुलिस ने बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है और आगे की कार्रवाई जारी है।