
अगर किडनी हेल्दी न हो, तो शरीर में कई परेशानियां शुरू हो जाती हैं। दरअसल, किडनी शरीर के वेस्ट प्रोडक्ट्स को फिल्टर करके बाहर निकालता है। लेकिन जब किडनी ठीक से काम नहीं कर पाती, तो शरीर से वेस्ट बाहर नहीं निकल पाता और इसके कारण शरीर में कुछ लक्षण (Signs of Kidney Damage) दिखाई देने शुरू हो जाते हैं।
ये लक्षण इस ओर इशारा करते हैं कि आपकी किडनी ठीक से काम नहीं कर रही है और सतर्क होने की जरूरत है। अगर इन शुरुआती संकेतों को समय पर पहचान लिया जाए, तो गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है। आइए जानें किडनी खराब होने पर कैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
यूरिन के रंग, गंध या फ्रीक्वेंसी में बदलाव
किडनी का सीधा संबंध यूरिन से होता है, इसलिए यूरिन में होने वाले बदलाव किडनी की सेहत का संकेत देते हैं, जैसे-
रंग में बदलाव- सामान्य यूरिन का रंग हल्का पीला होता है, लेकिन किडनी की समस्या होने पर यह गहरा पीला, लाल (खून आने पर) या झागदार हो सकता है।
गंध में बदलाव- यूरिन से तेज या असामान्य गंध आना भी किडनी के खराब होने का संकेत हो सकता है।
फ्रीक्वेंसी में बदलाव- बार-बार यूरिन आना या बहुत कम यूरिन आना, दोनों ही किडनी की समस्या की ओर इशारा करते हैं।
बहुत थकान या कमजोरी महसूस होना
किडनी खराब होने पर शरीर में खून की कमी (एनीमिया) हो सकती है, क्योंकि किडनी एरिथ्रोपोइटिन हार्मोन बनाती है, जो रेड ब्लड सेल्स के निर्माण में मदद करता है। इसकी कमी के कारण ये दिक्कतें हो सकती हैं-
हमेशा थकान महसूस होना
कमजोरी या चक्कर आना
फोकस में कमी होना
पैर, एड़ी या चेहरे पर सूजन
किडनी शरीर से एक्स्ट्रा फ्लूड और नमक को बाहर निकालती है। अगर यह ठीक से काम नहीं करती, तो शरीर में पानी जमा होने लगता है, जिसके कारण-
पैरों और एड़ियों में सूजन
चेहरे (खासकर आंखों के आसपास) सूजन
हाथों में सूजन हो सकती है।
त्वचा पर खुजली या ड्राईनेस
किडनी खराब होने पर शरीर से टॉक्सिन्स पूरी तरह नहीं निकल पाते, जिससे त्वचा पर प्रभाव पड़ता है। इसमें
त्वचा में रूखापन और खुजली
चकत्ते या एलर्जी जैसे लक्षण
त्वचा का रंग बदल सकता है।
भूख न लगना या खाने का स्वाद पसंद न आना
किडनी की समस्या होने पर शरीर में यूरिया और टॉक्सिन्स जमा हो जाते हैं, जिसके कारण-
भूख कम लगना
मुंह का स्वाद खराब होना (मेटैलिक टेस्ट)
जी मिचलाना या उल्टी होना
अगर आपके शरीर में भी ये लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत अपने डॉक्टर से इस बारे में बात करें और जरूरत पड़ने पर टेस्ट करवाएं।