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राजगांगपुर थाने के प्रभारी निरीक्षक एम. प्रधान ने बताया कि लोहे का बड़ा ढांचा ‘कोल हॉपर’ अचानक नीचे गिर गया। हम अभी घटनास्थल पर हैं। क्रेन की मदद से मलबा हटाया जा रहा है। अब तक किसी के हताहत होने या घायल होने की खबर नहीं है। हमें संदेह है कि कुछ मजदूर मलबे के अंदर फंसे हो सकते हैं।
ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के राजगांगपुर में गुरुवार को सीमेंट के एक कारखाने में बड़ा हादसा हो गया। कारखाने में लोहे का बड़ा ढांचा ढह जाने के बाद कुछ श्रमिक मलबे में फंस गए। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि घटना उस समय हुई, जब कारखाने के पास 12 से अधिक मजदूर काम कर रहे थे। सूचना मिलने के बाद स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और मलबा हटाने में मदद की।
कैसे दबे मजदूर?
राजगांगपुर थाने के प्रभारी निरीक्षक एम. प्रधान ने बताया कि लोहे का बड़ा ढांचा ‘कोल हॉपर’ अचानक नीचे गिर गया। हम अभी घटनास्थल पर हैं। क्रेन की मदद से मलबा हटाया जा रहा है। अब तक किसी के हताहत होने या घायल होने की खबर नहीं है। हमें संदेह है कि कुछ मजदूर मलबे के अंदर फंसे हो सकते हैं।
असम में भी हुआ था हादसा
इससे पहले असम सरकार ने उमरंगसो कोयला खदान हादसे की न्यायिक जांच की गुरुवार को घोषणा की। इसके साथ ही सरकार ने पुलिस जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का भी एलान किया। इस हादसे में चार खनिकों की मौत हो गई थी और पांच अन्य अब भी खदान में फंसे हुए हैं। सरकार ने हादसे में जान गंवाने वाले खनिकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।
इस बीच, दीमा हसाओ में अधिकारियों ने कहा कि शेष पांच खनिकों को बचाने का अभियान भूमिगत खदान में पानी के ताजा रिसाव के कारण बाधित हो रहा है, जिससे जल निकासी की प्रक्रिया धीमी हो रही है। दान से पानी निकालने के लिए कई पंप लगाए गए हैं, लेकिन जलस्तर धीमी गति से घट रहा है, जिससे बचाव कार्य में देरी हो रही है।
सेना ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर बताया कि स्पीयर कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल अभिजीत एस पेंढारकर ने घटनास्थल का दौरा किया और बचाव अभियान में शामिल विशेषज्ञ सैन्य टुकड़ियों, असम राइफल्स और अन्य एजेंसियों के साथ बातचीत की। इसमें कहा गया है कि सेना के गोताखोर अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय करके नियमित तलाशी अभियान चला रहे हैं।