ऑपरेशन सिंदूर: पहलगाम हमले में पति को खोने वाली महिला ने पूछा- धर्म पूछकर गोली मारने वाले चारों दहशतगर्द कहां, उन्हें भी तो…

ऑपरेशन सिंदूर पर पहलगाम हमले में जान गंवाने वाले सुशील नथानियल की विधवा जेनिफर नथानियल ने कहा कि जो हुआ, वह सही हुआ. पहलगाम आतंकी हमले में अपने पति को खोने वाली एक महिला ने भारतीय सशस्त्र बलों के ऑपरेशन सिंदूर को उचित करार दिया. बुधवार (7 मई, 2025) को उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले में शामिल उन चार दहशतगर्दों का भी खात्मा किया जाना चाहिए, जिन्होंने धर्म पूछकर उनके पति की जान ली थी. 

पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में आतंकी ठिकानों के खिलाफ भारतीय सशस्त्र बलों के ऑपरेशन सिंदूर के बाद इस महिला ने यह बात कही.

दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में मिनी स्विट्जरलैंड के नाम से मशहूर प्रमुख पर्यटक स्थल बैसरन में 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने हमला किया, जिसमें 26 लोग मारे गए थे. मृतकों में ज्यादातर पर्यटक थे जिनमें इंदौर के सुशील नथानियल (58) शामिल थे.

नथानियल की विधवा जेनिफर नथानियल (54) ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर इंदौर में संवाददाताओं से कहा, ‘जो हुआ, वह सही हुआ, लेकिन उन चारों (पहलगाम आतंकवादी हमले में शामिल चार दहशतगर्द) का भी खात्मा किया जाना चाहिए.’

पति की मौत के शोक में डूबी महिला ने कहा, ‘इन चारों ने वह काम किया है जो एक जानवर भी नहीं करता. मुझे बस इसका हिसाब चाहिए और इन लोगों को भी वैसी ही सजा मिलनी चाहिए. इन चारों को भी मरना चाहिए.’

नथानियल, इंदौर से करीब 200 किलोमीटर दूर अलीराजपुर में भारतीय जीवन बीमा निगम (LEC) के प्रबंधक के रूप में पदस्थ थे. वह अपनी पत्नी जेनिफर, बेटी आकांक्षा (35) और बेटे ऑस्टिन उर्फ गोल्डी (25) के साथ कश्मीर घूमने गए थे.

6 और 7 मई की दरमियानी रात को पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया गया, जिसमें 26 आतंकी मारे गए हैं. ऑपरेशन को सिर्फ आतंकी ठिकानों पर निशाना बनाकर लॉन्च किया गया था, किसी निर्दोष को क्षति न हो इसका खास ख्याल रखा गया. इंडियन आर्मी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ब्रीफिंग दी और बताया कि लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन के वो कैंप तबाह किए गए, जहां भारत में आतंकी हमलों की साजिश रची जाती थी. 26/11 मुंबई अटैक की प्लानिंग और अजमल कसाब और डेविड हेडली को यहीं ट्रेनिंग मिली थी.

कर्नल सौफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ब्रीफिंग में बताया कि पिछले साल हुए सोनमर्ग, गुलमर्ग हमले, इस साल के पहलगाम हमले के अलावा तीर्थयात्रियों की बस को निशाना बनाने वाले आतंकियों को इन्हीं कैंप्स में ट्रेनिंग दी गई थी. इन कैंप्स में आतंकी संगठनों के रिक्रूटमेंट और ट्रेनिंग एरिया थे, जिनको बर्बाद कर दिया गया. ये कैंप कश्मीर और जम्मू के पुंछ, रजौरी और कठुआ जैसे इलाकों में आतंकी गतिविधियों को कंट्रोल करते थे.


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