उत्तराखंड में बारिश का कहर, बद्रीनाथ-केदारनाथ हाईवे भूस्खलन के कारण बंद, कई जगह फंसे श्रद्धालु

केदारनाथ धाम को जोड़ने वाला सोनप्रयाग-गौरीकुंड मोटरमार्ग कई स्थानों पर मलबा और बोल्डर गिरने के कारण बंद है. मुनकटिया के पास लगातार भूस्खलन होने से यह मार्ग पूरी तरह बंद है. उत्तराखंड मौसम एक बार फिर बिगड़ चुका है. पहाड़ी इलाकों में बीती रात से हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. बारिश और भूस्खलन के कारण बद्रीनाथ और केदारनाथ हाईवे जगह-जगह बंद हो गए हैं, जिससे चारधाम यात्रा पूरी तरह ठप हो गई है. हजारों तीर्थयात्री विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं, और प्रशासन राहत कार्यों में जुटा है.

केदारनाथ धाम को जोड़ने वाला सोनप्रयाग-गौरीकुंड मोटरमार्ग कई स्थानों पर मलबा और बोल्डर गिरने के कारण बंद है. मुनकटिया के पास लगातार भूस्खलन होने से यह मार्ग पूरी तरह बंद है, जिसके चलते आज केदारनाथ धाम की यात्रा शुरू नहीं हो सकी. पुलिस और SDRF ने यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोका है और वैकल्पिक मार्गों से उनकी आवाजाही सुनिश्चित की जा रही है.

बद्रीनाथ हाईवे सिरोबगड़ में अवरुद्ध

ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग सिरोबगड़ में देर रात से बंद है. भारी बारिश के कारण पहाड़ी से मलबा और बोल्डर सड़क पर आ गए, जिस कारण यातायात पूरी तरह ठप हो गया है. चमोली पुलिस के मुताबिक सिरोबगड़, भनेरपानी, और पीपलकोटी के पास हाईवे अवरुद्ध है, और सड़क खोलने का काम जारी है. हजारों यात्री जोशीमठ, गोविंदघाट, और पांडुकेश्वर में फंसे हुए हैं, जिन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

राजमार्गराजमार्ग खोलने के लिए टीमे जुटीं

बारिश और भूस्खलन के बावजूद सीमा सड़क संगठन और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की टीमें मलबा हटाने में जुटी हुई हैं. चमोली और रुद्रप्रयाग पुलिस ने यात्रियों से धैर्य रखने और खराब मौसम में यात्रा से बचने की अपील की है. मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है, जिसके चलते यात्रियों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है.

चारधाम यात्रा पर असर

चारधाम यात्रा जोकि मई के पहले हफ्ते से शुरू हुई थी. इस पर बारिश और भूस्खलन का गंभीर प्रभाव पड़ा है. केदारनाथ यात्रा में पहले रोजाना 24-25 हजार यात्री पहुंच रहे थे, लेकिन बारिश के कारण यह संख्या घटकर 16 हजार तक रह गई है. हेली सेवाएं भी मानसून के चलते बंद कर दी गई हैं. बद्रीनाथ, हेमकुंड साहिब, और अन्य पर्यटन स्थलों पर जाने वाले यात्री भी सिरोबगड़, पिनौला, और पातालगंगा जैसे भूस्खलन जोन में फंस रहे हैं.

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