
काहिरा में मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलती, ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची और अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी के बीच बैठक में समझौते को अंतिम रूप दिया गया। अब ईरान में परमाणु प्रतिष्ठानों का निरीक्षण फिर शुरू किया जाएगा। साथ इस्राइली हमलों के बाद बिगड़े रिश्तों को सुधारते हुए दोबारा सहयोग शुरू होगा।
इस्राइल और अमेरिका के हमले के बाद ईरान ने एक बार फिर परमाणु ऊर्जा संपन्न राष्ट्र बनने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। ईरान ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए। अब ईरान में परमाणु प्रतिष्ठानों का निरीक्षण फिर शुरू किया जाएगा। साथ इस्राइली हमलों के बाद बिगड़े रिश्तों को सुधारते हुए दोबारा सहयोग का मार्ग प्रशस्त होगा।
काहिरा में मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलती, ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची और अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी के बीच बैठक में समझौते को अंतिम रूप दिया गया। बैठक के बाद ग्रॉसी ने कहा कि यह तकनीकी प्रकृति का है। यह सही दिशा में उठाया गया कदम है। मिस्र के विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह समझौता उस देश द्वारा किये गए गहन कूटनीतिक प्रयासों के बाद हुआ है।
मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल-फतह अल-सिसी ने मंगलवार को कहा था कि आईएईए परमाणु अप्रसार प्रावधानों का समर्थन करने में प्रमुख भूमिका निभाता है। उन्होंने परमाणु अप्रसार संधि के सदस्य देशों के परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग के अधिकार पर भी जोर दिया।
इससे पहले दो जुलाई को ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने अपने देश की संसद द्वारा पारित एक कानून पर हस्ताक्षर किए थे। इसके तहत संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था के साथ सभी प्रकार के सहयोग को निलंबित कर दिया गया था। बाद में आईएईए ने बुशहर परमाणु ऊर्जा संयंत्र का निरीक्षण किया था। 27 अगस्त से शुरू होकर दो दिनों तक संयंत्र में ईंधन प्रतिस्थापन प्रक्रिया का निरीक्षण किया।
ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने बताया कि यह समझौता उनके देश की चिंताओं और सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करता है तथा IAEA के साथ सहयोग के लिए तकनीकी आवश्यकताओं को निर्धारित करता है। उन्होंने चेतावनी दी कि ईरान के खिलाफ किसी भी शत्रुतापूर्ण कार्रवाई की स्थिति में तेहरान आईएईए के साथ समझौते को समाप्त मान लेगा।
यूरोपीय संघ ने किया समझौते का स्वागत
यूरोपीय संघ के एक प्रमुख अधिकारी ने समझौते का स्वागत किया। यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख काजा कालास ने कहा कि ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों के निरीक्षण को पुनः शुरू करने के लिए हुआ समझौता परमाणु कूटनीति के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। बशर्ते ईरान द्वारा इस पर त्वरित कार्रवाई करे।
फ्रांस, जर्मनी ने की प्रतिबंध लगाने की प्रक्रिया
यह बैठक ऐसे संवेदनशील समय पर हुई है। जब फ्रांस, जर्मनी और यूनाइटेड किंगडम ने 28 अगस्त को ईरान पर पुनः प्रतिबंध लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। उन्होंने ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकने के उद्देश्य से 2015 में हुए समझौते का पालन न करने के आरोप में यह कदम उठाया था।
यूरोपीय देशों ने कहा है कि यदि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम पर अमेरिका के साथ सीधी बातचीत शुरू कर दे, संयुक्त राष्ट्र के परमाणु निरीक्षकों को अपने परमाणु स्थलों तक पहुंच की अनुमति दे, तथा संयुक्त राष्ट्र के निगरानी संस्था के अनुसार उसके पास मौजूद 400 किलोग्राम से अधिक उच्च संवर्धित यूरेनियम का हिसाब दे, तो वे समय सीमा बढ़ाने को तैयार होंगे।
ईरान के पास 440.9 किलो यूरेनियम: आईएईए
इससे पहले आईएईए ने अपनी गोपनीय रिपोर्ट में कहा था कि 13 जून तक ईरान के पास 60 प्रतिशत तक संवर्धित 440.9 किलोग्राम (972 पाउंड) यूरेनियम था। यदि यूरेनियम को 90 प्रतिशत तक संवर्धित किया जाए तो यह 10 परमाणु हथियार बनाने के लिए पर्याप्त होगा, हालांकि वास्तविक हथियार बनाने के लिए अन्य विशेषज्ञता की आवश्यकता होगी, जैसे कि विस्फोट उपकरण जोड़ना।
संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था के साथ ईरान के सुरक्षा समझौते के अनुसार ईरान को हमलों या भूकंप जैसी घटनाओं के बाद अपने अत्यधिक संवर्धित यूरेनियम भंडार सहित अपने परमाणु सामग्री के स्थान और स्थिति का विवरण देने वाली एक विशेष रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए बाध्य किया जाता है।