
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अवैध खनन के मामले में झारखंड के सीएम के पूर्व सहयोगी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बुधवार को इस केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के एक पूर्व प्रतिनिधि ने राज्य में एक अवैध खनन सिंडिकेट का मास्टरमाइंड बनाने के लिए राजनीतिक प्रभाव का फायदा उठाया। इससे 1,000 करोड़ रुपये की आपराधिक आय अर्जित हुई।
राजधानी रांची की विशेष PMLA अदालत में हो रही है मामले की सुनवाई
संघीय एजेंसी ने एक बयान में कहा कि उसने रांची में एक विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत के समक्ष 30 जून को मामले में दायर एक नई अभियोजन शिकायत (आरोप पत्र) में ये आरोप लगाए हैं।
मुख्यमंत्री के तत्कालीन राजनीतिक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा पर लगे गंभीर आरोप
ईडी ने दावा किया मौजूदा शिकायत आठ अतिरिक्त लोगों और दो कंपनियों की भूमिका को उजागर करती है, जिन्हें झारखंड के मुख्यमंत्री के तत्कालीन राजनीतिक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा द्वारा संचालित आपराधिक नेटवर्क का अभिन्न अंग पाया गया है।
मिश्रा CM सोरेन के राजनीतिक प्रतिनिधि थे, तीन साल पहले हुई गिरफ्तारी
प्रवर्तन निदेशालय ने मिश्रा को जुलाई 2022 में गिरफ्तार किया था। वह साहिबगंज जिले के बरहेट के अपने विधानसभा क्षेत्र में सोरेन के राजनीतिक प्रतिनिधि थे। सोरेन ने हमेशा कहा कि कोई गलत काम नहीं हुआ है।
मिश्रा के साथ षड्यंत्र रचा, 50 प्रतिशत लाभ हिस्सेदारी के बदले धोखाधड़ी कर खनन पट्टा…
एजेंसी ने कहा कि जांच में यह भी उजागर हुआ कि निमय चंद्र शील ने सिंडिकेट के सरगना मिश्रा के साथ षड्यंत्र रचा और अपनी पत्नी के साथ मिलकर 50 प्रतिशत लाभ हिस्सेदारी के बदले में धोखाधड़ी से खनन पट्टा हासिल किया।