
ईरान ने जंग का एलान कर दिया है। सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कहा है कि ईरान अब इजरायल के प्रति किसी तरह की दया नहीं दिखाएगा। साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बिना शर्त आत्मसमर्पण करने के संदेश पर कहा कि ईरान ऐसा कभी नहीं करेगा।
खामेनेई ने ट्रंप को आगाह किया
खामेनेई ने ट्रंप को आगाह किया कि ईरान पर हमलों में अमेरिका शामिल हुआ तो उसे अपूरणीय क्षति उठानी पड़ेगी। इस बीच राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि ईरान को लेकर उनका धैर्य खत्म हो रहा है लेकिन उन्होंने किसी ठोस निर्णय की जानकारी नहीं दी।
इधर, इजरायल और ईरान के बीच बुधवार को छठे दिन भी एक-दूसरे पर हमले जारी रहे, इनमें दोनों पक्षों को जान-माल का नुकसान उठाना पड़ा है। इससे पहले राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि वह संघर्षविराम से बड़ा कुछ करने पर विचार कर रहे हैं। यह ऐसा कदम होगा जिससे हमेशा के लिए युद्ध का अंत हो जाएगा।
अमेरिका ने पश्चिम एशिया में अतिरिक्त लड़ाकू विमान व युद्धपोत भेजे
इस बयान के बाद ट्रंप ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक की और पश्चिम एशिया में अतिरिक्त लड़ाकू विमान व युद्धपोत भेजे हैं। हर लड़ाई में अमेरिका के घनिष्ठ सहयोगी रहे ब्रिटेन ने भी पश्चिम एशिया में लड़ाकू विमान भेज दिए हैं। इसी दौरान ट्रंप ने तेहरान के आकाश पर कब्जा होने का दावा किया और ईरानी राजधानी के निवासियों को शहर छोड़कर जाने की सलाह दी है। ये बयान इजरायली सेना के दो दिन पूर्व दिए बयान जैसे हैं।
खामेनेई का इजरायल से जंग का एलान, अमेरिकी अड्डों पर हमले का संकेत
ट्रंप ने यह भी कहा है कि अब ईरान से बात नहीं होगी, बुधवार को इजरायल ने भी इसी वाक्य को दोहराया और कहा कि ईरान के खिलाफ उसकी सैन्य कार्रवाई जारी रहेगी। जवाब में ईरान ने इजरायल की राजधानी तेल अवीव और हाइफा से आमजनों को जाने के लिए कहा है। ईरान ने हमलों के बीच अपने परमाणु कार्यक्रम पर अमेरिका से बात न करने की बात कही है।
संयुक्त राष्ट्र में ईरान के प्रतिनिधि ने कहा कि हम व्हाइट हाउस के द्वार पर घुटने नहीं टेकेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति का ताजा रुख ईरान पर इजरायली हमला शुरू होने वाले दिन शुक्रवार से अलग है। उस दिन उन्होंने इस लड़ाई से दूर रहने की बात कही थी।
अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई को लेकर आगाह किया
अगर अमेरिका ईरान पर हमलों में शामिल होता है तो युद्ध के पश्चिम एशिया और पूरे अरब जगत में फैलने का खतरा पैदा हो जाएगा। क्योंकि अमेरिका के कतर, बहरीन, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, इराक, जार्डन और सीरिया में सैन्य अड्डे हैं या सैनिकों की तैनाती है। खामेनेई ने ईरान पर अमेरिका का हमला होने की स्थिति में इन्हीं अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई को लेकर आगाह किया है।
इस बीच रूस ने अमेरिका से ईरान पर हमला न करने के लिए कहा है। कहा, इससे पश्चिम एशिया में अस्थिरता पैदा हो जाएगी। रूस और चीन ने अपने नागरिकों को अविलंब इजरायल छोड़ने के लिए कहा है।
ईरान के परमाणु ठिकाने और मिसाइल फैक्ट्री पर हमला
इजरायल का ताजा हमला ईरान में यूरेनियम शोधन करने वाले सेंट्रीफ्यूज और बैलेस्टिक मिसाइल के हिस्से बनाने के कारखानों पर हुआ है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के सूत्रों ने कहा है कि इजरायल के हवाई हमलों में तेहरान के नजदीक के इन कारखानों को निशाना बनाया गया है।
इजरायल ने तेहरान में स्थित पुलिस मुख्यालय पर हमला किया
करमानशाह स्थित ईरानी वायुसेना के अड्डे पर हमले में वहां खड़े पांच अटैक हेलीकाप्टरों के बर्बाद होने की जानकारी मिली है। इजरायल ने तेहरान में स्थित पुलिस मुख्यालय पर हमला कर उसे बर्बाद करने का दावा किया है।
वाशिंगटन की मानवाधिकारों के लिए कार्य करने वाली संस्था ने कहा है कि इजरायली हमलों में ईरान में अभी तक 585 लोग मारे गए और 1,326 लोग घायल हुए हैं। अभी तक की लड़ाई में ईरान ने इजरायल पर करीब 400 बैलेस्टिक मिसाइलें दागी हैं और सैकड़ों कामिकाजे ड्रोन छोड़े हैं।
हाइपरसोनिक मिसाइल फतह वन को इजरायल पर दागा
ईरान ने कहा है कि बुधवार को उसने अपनी हाइपरसोनिक मिसाइल फतह वन को इजरायल पर दागा। युद्ध में दागी गई यह पहली हाइपरसोनिक मिसाइल है।
इस मिसाइल ने 18 हजार किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से इजरायल में हमला किया। इस मिसाइल हमले से हुए नुकसान का अभी पता नहीं चला है। वैसे ईरानी हमलों में इजरायल में 24 लोग मारे गए हैं और करीब 600 घायल हुए हैं।
शांतिपूर्ण कार्यों के लिए ईरान का परमाणु कार्यक्रम
ईरान ने कहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण कार्यों के लिए है। वह यूरेनियम का 60 प्रतिशत तक शोधन कर रहा है जबकि परमाणु बम बनाने के लिए 90 प्रतिशत शुद्ध यूरेनियम की आवश्यकता होती है। अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने भी इस बात की हाल ही में पुष्टि की है।
ईरान के परमाणु विज्ञानी भविष्य में भी अपना काम जारी रखेंगे
संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत अली बहरीनी ने शांतिपूर्ण कार्यों के लिए यूरेनियम के शोधन की बात कही है। पश्चिम एशिया में केवल इजरायल ही परमाणु हथियार संपन्न देश है। ईरान ने कहा है कि इजरायल उसके परमाणु कार्यक्रम से आशंकित है और वह उसे लेकर दुष्प्रचार कर रहा है। अब वह इस दुष्प्रचार से अमेरिका को भी प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है। लेकिन ईरान के परमाणु विज्ञानी भविष्य में भी अपना काम जारी रखेंगे।