झारखंड : कैबिनेट बैठक में सीएम हेमंत का मास्टर स्ट्रोक

झारखंड मंत्रिमंडल की बैठक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में सोमवार को आयोजित हुई, जिसमें सरकार ने किसानों, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी।       

धान अधिप्राप्ति के लिए 48 करोड़ 60 लाख रुपये की स्वीकृति

सरकार ने एक बार फिर किसानों को राहत देते हुए धान अधिप्राप्ति के लिए 48 करोड़ 60 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की है। कैबिनेट के इस फैसले को कृषि क्षेत्र में बड़ा मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। सरकार के निर्णय के अनुसार, अब किसानों को प्रति क्विंटल धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2450 रुपये मिलेगा, जिसमें 100 रुपये बोनस भी शामिल हैं। साथ ही, 2025-26 से लागू होने वाली राज्य धान अधिप्राप्ति योजना को मंजूरी प्रदान की गई है। इस योजना के तहत किसानों को 48 घंटे के अंदर एकमुश्त भुगतान किया जाएगा। किसी विशेष परिस्थिति में भुगतान एक सप्ताह के भीतर अनिवार्य रूप से कर दिया जाएगा। इसके अलावा, प्रक्रिया को और पारदर्शी और तेज बनाने के लिए टू-जी मशीनों की जगह अब आधुनिक फोर-जी पॉश मशीनें लगाई जाएंगी।       

लातेहार जिले में दो नए डिग्री कॉलेजों को मंजूरी

कृषि क्षेत्र के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र के लिए भी महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। लातेहार जिले के बालूमाथ और चतरा जिले के सिमरिया (सिमरिया/चतरा) में दो नए डिग्री कॉलेजों की स्थापना को मंजूरी दी गई। बालूमाथ डिग्री कॉलेज के लिए 78 करोड़ 42 लाख रुपये तथा चतरा के डिग्री कॉलेज के लिए 34 करोड़ 62 लाख 10 हजार रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई। इसके अलावा, रांची विश्वविद्यालय के अंतर्गत अंगीभूत कॉलेजों में शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक पदों के पुनर्गठन को भी हरी झंडी मिली है। संस्कृति कॉलेजों में उप शास्त्री और शास्त्री स्तर पर पंचम, छठा और सातवां वेतनमान लागू करने का निर्णय भी कैबिनेट में पारित हुआ। इससे संबंधित कॉलेजों के शिक्षकों और कर्मचारियों को लंबे समय से लंबित वेतनमान का लाभ मिलेगा। 

इंटर्न विद्यार्थियों के स्टाइपेंड में भारी बढ़ोतरी

स्वास्थ्य क्षेत्र में भी कैबिनेट ने महत्वपूर्ण कदम उठाए। गोड्डा राजकीय होम्योपैथिक विश्वविद्यालय के इंटर्न विद्यार्थियों के स्टाइपेंड में बढ़ोतरी की गई है। अब उन्हें 10 हजार रुपये की जगह 17,500 रुपये प्रतिमाह स्टाइपेंड मिलेगा। वहीं, रिम्स के 15 सहायक प्राध्यापकों को प्रोन्नति देकर प्राध्यापक के पद पर नियुक्त किया गया है। यह प्रोन्नति 1 जुलाई 2019 से प्रभावी मानी जाएगी। कुल मिलाकर कैबिनेट बैठक में पारित 33 प्रस्ताव विभिन्न क्षेत्रों में विकास और सुधार की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

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