
महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव के लिए मतदान शुरू हो चुके हैं। लोकल बॉडी इलेक्शन के पहले चरण में आज 264 म्युनिसिपल काउंसिल और नगर पंचायत में मतदान कराया जा रहा है। 6,042 सीटों और काउंसिल प्रेसिडेंट के 264 पदों के लिए वोटिंग हो रही है। मतदान सुबह 7.30 बजे शुरू हुआ और शाम 5.30 बजे तक स्थानीय लोग निकाय चुनाव प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला करेंगे।वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी। पूरे राज्य में 12,316 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। इन मतदान केंद्रों पर स्वतंत्र, निष्पक्ष और सुचारू मतदान कराने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने कुल 62,108 पोलिंग स्टाफ तैनात किए हैं।
पहले दो घंटों में लगभग 7.94 प्रतिशत मतदान
अधिकारियों ने मतदान से जुड़ा अपडेट साझा कर बताया कि वोटिंग के पहले दो घंटों में लगभग 7.94 प्रतिशत वोटरों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। इसी बीच महाराष्ट्र कांग्रेस ने दावा किया कि बुलढाणा में वोटिंग शुरू होने के करीब डेढ़ घंटे बाद ही एक बूथ पर दो संदिग्ध फर्जी वोटरों को पकड़ा गया। कांग्रेस का आरोप है कि शिवसेना MLA संजय गायकवाड़ बुलढाणा म्युनिसिपल काउंसिल चुनाव में ‘फर्जी’ वोट डालने वाले लोगों को ला रहे थे। कांग्रेस के इस आरोप पर निर्वाचन अधिकारियों की तरफ से फिलहाल कोई जवाब नहीं आया है।
दो लोगों पर फर्जी मतदान का आरोप
कांग्रेस का दावा है कि बुलढाणा के वार्ड नंबर 15 में गांधी प्राइमरी स्कूल पोलिंग सेंटर पर एक आदमी ने कथित तौर पर स्थानीय निवासी वैभव देशमुख के नाम पर वोट डालने की कोशिश की। फर्जी वोट डालने की कोशिश करने वाला शख्स मोटाला तालुका के कोठाली का रहने वाला है। शिकायत करने के बाद उसके साथ आए एक और व्यक्ति को भी हिरासत में लिया गया है।
ईवीएम पर मतदान, 31 जनवरी तक पूरी होनी है प्रक्रिया
ग्रामीण और शहरी स्तर पर हो रहे निकाय चुनाव के पहले चरण में करीब एक करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक 31 जनवरी, 2026 तक पूरी चुनाव प्रक्रिया पूरी करनी है। शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा के इंतजाम भी किए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि राज्य चुनाव आयोग (SEC) ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के 17,367 कंट्रोल यूनिट और 34,734 बैलेट यूनिट्स का बंदोबस्त भी किया है।
पहले चरण के बाद भी कराए जाएंगे चुनाव
गौरतलब है कि अभी 29 नगर निगम, 32 जिला परिषदों और 336 पंचायत समितियों के चुनाव का एलान होना बाकी है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 2 दिसंबर की वोटिंग के नतीजे राज्य के राजनीतिक माहौल को काफी हद तक प्रभावित करेंगे। अगर महायुति की जीत विधानसभा जैसी दोहराई गई, तो भाजपा की अगुवाई वाली सरकार को मजबूत जनसमर्थन का संदेश जाएगा। वहीं यदि विपक्षी गठबंधन को बेहतर प्रदर्शन मिलता है, तो यह आने वाले बड़े चुनावों में उनकी ताकत बढ़ा सकता है।



